
मुख्य बिंदु:
▪️ देवीपाटन मंडल में शिकायत निस्तारण पर आयुक्त की कड़ी कार्रवाई
▪️ अधीक्षण अभियंता जल निगम ग्रामीण को 72% असंतोषजनक फीडबैक के आधार पर प्रतिकूल प्रविष्टि
▪️ सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, आबकारी और नगरीय जल निगम विभागों के 5 अफसरों को कारण बताओ नोटिस
▪️ भविष्य में बिना आयुक्तीय परीक्षण के नहीं हो सकेगा आईजीआरएस पर निस्तारण अपलोड
सम्पूर्ण रिपोर्ट:
गोंडा (देवीपाटन मंडल), 24 मई 2025 —
एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) की शिकायतों के प्रति उदासीनता और लापरवाही ने अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। देवीपाटन मण्डल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने आईजीआरएस पोर्टल की समीक्षा बैठक में गंभीर फीडबैक रिपोर्ट के आधार पर अधीक्षण अभियंता जल निगम ग्रामीण को प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान की है। अप्रैल माह में प्राप्त 33 संदर्भों में से 24 पर असंतोषजनक फीडबैक मिलने पर यह कार्रवाई की गई है।
इसके अतिरिक्त पांच अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है:
अधीक्षण अभियंता, सिंचाई एवं जल संसाधन
अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
मुख्य अभियंता, जल निगम नगरीय
संयुक्त शिक्षा निदेशक, व्यावसायिक शिक्षा
उप आबकारी आयुक्त
इन सभी को तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी।
नई कार्यप्रणाली लागू:
आयुक्त कार्यालय ने शिकायतों के निस्तारण को पारदर्शी व जिम्मेदार बनाने हेतु नई व्यवस्था लागू की है:
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निस्तारण से पूर्व आख्या IGRS व्हाट्सएप ग्रुप में भेजी जाएगी, परीक्षण उपरांत ही पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।
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आख्या नियत समय से 3 दिन पहले भेजना अनिवार्य होगा ताकि समय रहते संशोधन संभव हो सके।
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यदि कोई अधिकारी बिना अनुमति सीधे पोर्टल पर आख्या अपलोड करता है और वह असंतोषजनक पाई जाती है, तो उसकी जिम्मेदारी उसी अधिकारी की होगी।
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स्पेशल क्लोज मामलों में भी आख्या भेजना आवश्यक होगा जिसमें कारण स्पष्ट रूप से उल्लिखित हो।
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हर माह के अंतिम शुक्रवार को समीक्षा बैठक अनिवार्य रूप से आयोजित की जाएगी।
निष्कर्ष:
देवीपाटन मंडल में अब अधिकारियों को IGRS शिकायतों को लेकर अधिक सतर्क रहना होगा। आयुक्त की इस कठोर कार्यवाही ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि शिकायतों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
