1 जुलाई से यूपी के स्कूलों में लागू होगी ऑनलाइन और बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली, छात्रों को मिलेगी ड्रेस व स्टेशनरी की धनराशि

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लखनऊ/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव करते हुए सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। यह व्यवस्था आगामी 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होगी। अब शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीनों के माध्यम से दर्ज की जाएगी। इससे उपस्थिति प्रक्रिया पारदर्शी होगी और अनुशासन में भी सुधार आएगा।

बायोमेट्रिक हाजिरी होगी अनिवार्य

यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि यह पहल विद्यालयों में समयबद्ध उपस्थिति सुनिश्चित करने, फर्जी हाजिरी पर रोक लगाने और ड्रॉपआउट दर को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी छात्र-छात्राएं, शिक्षक और स्कूल कर्मचारी अब बायोमेट्रिक प्रणाली से ही हाजिरी लगाएंगे। केवल उसी उपस्थिति को वैध माना जाएगा जो बायोमेट्रिक मशीन से दर्ज होगी।

इस नई प्रणाली का डेमो 23 जून को दिखाया गया। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे न केवल पढ़ाई की गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि स्कूलों की निगरानी व्यवस्था भी मजबूत बनेगी।

यूनीफॉर्म व स्टेशनरी के लिए जल्द भेजी जाएगी धनराशि।

इधर, प्रतापगढ़ जिले सहित पूरे प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को ड्रेस, बैग, जूता-मोजा, स्वेटर व स्टेशनरी के लिए धनराशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से उनके अभिभावकों के खातों में भेजी जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों का डाटा ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना शुरू कर दिया है।

2,372 परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब तीन लाख बच्चों के लिए तैयार यह योजना जुलाई से लागू होगी। प्रति छात्र ₹1200 की राशि विभिन्न मदों में जारी की जाएगी:¹

यूनीफॉर्म – ₹600

स्कूल बैग – ₹175

जूता-मोजा – ₹125

स्वेटर – ₹200

स्टेशनरी – ₹100

बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि समय से डाटा फीड कराकर जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही धनराशि भेजने की योजना है।

शिक्षा में डिजिटल बदलाव की ओर यूपी।

उत्तर प्रदेश में शिक्षा को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में यह निर्णय एक क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी इस फैसले की व्यापक चर्चा हो रही है और लोग इसे शिक्षा में अनुशासन और जवाबदेही लाने वाला कदम बता रहे हैं।

 

(रिपोर्ट: हिंद लेखनी न्यूज़ डेस्क, करनैलगंज/गोंडा)

संपर्क: hindlekhni@gmail.com | www.hindlekhni.com

 

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