करनैलगंज/गोण्डा। करनैलगंज तहसील इन दिनों बड़े प्रशासनिक विवाद का केंद्र बनती जा रही है। उपजिलाधिकारी (एसडीएम) भारत भार्गव के खिलाफ अधिवक्ताओं द्वारा शुरू किया गया विरोध-प्रदर्शन अब आंदोलन का रूप ले चुका है, जिसके लंबे समय तक चलने के संकेत मिल रहे हैं। शनिवार को तहसील परिसर में अधिवक्ताओं ने धरना प्रदर्शन कर एकजुटता का परिचय दिया और साफ कर दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
यह धरना अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्याम धर शुक्ला की अगुवाई में आयोजित किया गया, जिसमें भारी संख्या में अधिवक्ताओं ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने तहसील प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अधिवक्ताओं का कहना है कि करनैलगंज तहसील में भ्रष्टाचार, अनियमितता और रिश्वतखोरी चरम पर है और इस सबके केंद्र में एसडीएम भारत भार्गव हैं। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि बिना पैसे के कोई भी कार्य नहीं हो पा रहा, आम जनता को न्याय नहीं मिल रहा और अधिवक्ताओं के साथ भी प्रशासनिक स्तर पर भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है।
धरने के दौरान अधिवक्ताओं ने ज़ोरदार नारेबाजी की और उपजिलाधिकारी को हटाए जाने की मांग को लेकर उपजिलाधिकारी कार्यालय को ज्ञापन सौंपा। अधिवक्ता संघ का कहना है कि यदि प्रशासन जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तो आंदोलन और भी व्यापक रूप धारण करेगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि सोमवार से आंदोलन को तेज़ किया जाएगा, जिसमें कोर्ट कार्यों का बहिष्कार, जुलूस, आमसभाएं और जनप्रतिनिधियों से संवाद जैसी गतिविधियाँ शामिल हो सकती हैं।
अधिवक्ताओं के इस आंदोलन को क्षेत्र के आम नागरिकों का भी समर्थन मिलने लगा है। लोगों का मानना है कि तहसील कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते गरीब और आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अधिवक्ताओं की यह पहल स्वागत योग्य है।
इस पूरे घटनाक्रम ने जिले के प्रशासनिक ढांचे को भी सवालों के घेरे में ला दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन और सरकार इस आंदोलन पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या एसडीएम के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी या यह आंदोलन और अधिक तीव्र होगा, इसका निर्णय आने वाले कुछ दिनों में साफ हो जाएगा।
संवाददाता – हिन्द लेखनी न्यूज, करनैलगंज (गोंडा)
