लखनऊ, 14 मई 2025:
राजधानी लखनऊ से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां आलमबाग थाना परिसर स्थित आवास में रहने वाले हेड कांस्टेबल आलोक पांडेय के 14 वर्षीय बेटे आराध्य ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि स्कूल के दोस्तों द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने से मानसिक तनाव में आकर आराध्य ने यह खौफनाक कदम उठाया।
घटना आलमबाग थाना परिसर स्थित सरकारी आवास की है, जहां आलोक पांडेय अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहते हैं। बड़े बेटे की पढ़ाई गाजियाबाद में चल रही है जबकि छोटा बेटा आराध्य जेल रोड स्थित एलपीएस स्कूल में नौवीं कक्षा का छात्र था। घटना के वक्त आलोक प्रयागराज में ड्यूटी पर थे।
घटनाक्रम के अनुसार, रोज की तरह आराध्य स्कूल के लिए निकला, लेकिन कुछ देर बाद घर लौट आया और मां से कहा कि उसका दोस्त स्कूल नहीं आया, इसलिए वह भी नहीं जाएगा। मां अपनी ड्यूटी पर पास के ही स्कूल चली गई। जब वह दोपहर में लौटी तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। कई बार आवाज देने पर भी जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो पुलिसकर्मियों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया। भीतर आराध्य का शव फंदे से लटका मिला।
पिता आलोक पांडे ने घटना के बाद जब पत्नी के मोबाइल को खंगाला, जिसमें आराध्य अक्सर बातचीत करता था, तो उसमें उसके दोस्तों के कई धमकी भरे और अपमानजनक मैसेज मिले। इन संदेशों से यह संकेत मिला कि आराध्य मानसिक रूप से बेहद परेशान था। पिता ने बेटे के आठ दोस्तों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, और उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्हीं की प्रताड़ना ने उनके बेटे को मौत की ओर धकेला।
मामले को गंभीरता से लेते हुए डीसीपी मध्य आशीष श्रीवास्तव ने कहा है कि घटना की गहनता से जांच की जा रही है और सभी पहलुओं पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। यदि दोष साबित होते हैं तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना न सिर्फ एक मासूम की जान जाने का मामला है, बल्कि यह स्कूलों और समाज में बच्चों के बीच मानसिक उत्पीड़न (बुलिंग) जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी सवाल खड़े करती है।
