कटरा बाजार में दबंगों का कहर,उधारी मांगना पड़ा महंगा,साइकिल और रुपए छीन ले गए दबंग।

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गोण्डा, उत्तर प्रदेश : जिले के कटरा बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत खेमपुर गांव में दबंगों का आतंक एक बार फिर सामने आया है। जमुना प्रसाद गुप्ता, निवासी तैबापुर कटराबाजार, को तीन वर्ष पुराने मामूली लेनदेन के चलते बर्बर हमले का शिकार होना पड़ा। पीड़ित ने इस मामले में कटरा बाजार थाने में तहरीर दी है, लेकिन अब तक पुलिस प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे पीड़ित परिवार भय के साये में जीने को मजबूर है।

तीन साल पुराना विवाद बना हिंसा का कारण।

पीड़ित जमुना प्रसाद गुप्ता का कहना है कि विपक्षी कुप्पी व चौधरी, जो कि खेमपुर गांव के निवासी हैं, ने तीन साल पहले प्रार्थी से कुछ धान खरीदे थे और साथ ही प्रार्थी की दुकान से 1400 रुपए उधार भी लिया था। पीड़ित द्वारा हाल ही में जब अपने बकाए की मांग की गई, तो विपक्षियों को यह नागवार गुज़रा। विवाद के दौरान विपक्षियों ने यह कहकर टालने की कोशिश की कि ‘जो देना था, वह दे चुके, अब हिसाब मत मांगो।’

बर्बर हमला और जानलेवा धमकी।

बात बढ़ते-बढ़ते इतनी गंभीर हो गई कि विपक्षीगण ने पीड़ित को मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां देनी शुरू कर दीं। विरोध करने पर लात-घूंसे और डंडों से जमकर पीटा गया। यही नहीं, पीड़ित के पास से जबरन 5500 रुपये नकद और दूध की केन समेत साइकिल भी छीन ली गई। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान दबंगों ने यह भी धमकी दी कि यदि इस मामले की कहीं शिकायत की गई, तो उसे जान से मारकर लाश गायब कर दी जाएगी।

गांववालों ने बचाई जान

शोर सुनकर मौके पर पहुंचे गांव के कुछ लोगों ने किसी तरह जमुना प्रसाद को दबंगों के चंगुल से छुड़ाया और उनकी जान बचाई। लेकिन तब तक पीड़ित मानसिक और शारीरिक रूप से काफी आहत हो चुका था। गंभीर हालत में पीड़ित ने 16 अप्रैल 2025 को स्थानीय थाने में लिखित तहरीर दी, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता इस बात को साफ दर्शा रही है कि दबंगों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

पीड़ित की पुकार: न्याय दो, सुरक्षा दो

जमुना प्रसाद गरीब तबके से ताल्लुक रखते हैं। उनके अनुसार, उनकी मेहनत की कमाई – साइकिल, दूध की केन और 5500 रुपए – सब कुछ छीन लिया गया और अब वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने पुलिस अधीक्षक गोण्डा से मामले में हस्तक्षेप कर आरोपियों की गिरफ्तारी और जब्त सामान की बरामदगी की गुहार लगाई है।

प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

इस गंभीर घटनाक्रम के बावजूद पुलिस की निष्क्रियता से यह सवाल खड़ा होता है कि क्या दबंगों के आगे कानून बेबस हो गया है? क्या गरीबों की सुनवाई अब केवल कागज़ों तक सीमित रह गई है?

 

जमुना प्रसाद जैसे न जाने कितने लोग हैं जो न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं। अगर जल्द ही प्रशासन ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, तो जनता का कानून-व्यवस्था पर से भरोसा उठना तय है।

 

(रिपोर्ट: हिन्द लेखनी न्यूज़, गोण्डा)

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