गोंडा में हीटवेव से जंग: जिलाधिकारी नेहा शर्मा की ऐतिहासिक पहल, जनहित में उठाए गए अभूतपूर्व कदम

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हर नगर निकाय में बनेंगे कूलिंग सेंटर, ओआरएस और फर्स्ट एड की सुविधा के साथ तैयार होंगी राहत व्यवस्थाएं

गोंडा, 22 अप्रैल। उत्तर प्रदेश का गोंडा जिला इस समय भीषण गर्मी और हीटवेव की चपेट में है। तापमान लगातार बढ़ रहा है और लू के थपेड़ों ने जनजीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। ऐसे कठिन समय में जिले की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने आम जनमानस को राहत पहुंचाने के लिए एक ऐतिहासिक और अनुकरणीय पहल की है, जो प्रदेश भर में एक मिसाल बन सकती है।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि जिले की समस्त नगर पंचायतों एवं नगर पालिकाओं में कूलिंग सेंटर की स्थापना की जाए। इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि हीटवेव से कोई जनहानि न हो और हर नागरिक को जरूरत के अनुसार त्वरित राहत मिल सके। ये कूलिंग सेंटर्स आने वाले एक से दो दिनों में पूरी तरह से क्रियाशील कर दिए जाएंगे।

कूलिंग सेंटर में रहेंगी ये व्यवस्थाएं:

जारी आदेश के अनुसार, हर कूलिंग सेंटर पर छायादार स्थान, पंखे या कूलर, पीने के लिए स्वच्छ ठंडा पानी, ओआरएस के पैकेट और फर्स्ट एड किट की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर वाटर एटीएम, पानी के घड़े, टैंकर आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि स्वच्छता पर कोई समझौता न हो और सफाई व्यवस्था नियमित रूप से की जाए।

सतर्कता और जवाबदेही भी सुनिश्चित:

प्रत्येक कूलिंग सेंटर पर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य की गई है, जिसकी जानकारी स्पष्ट रूप से बैनर पर अंकित रहेगी, ताकि जनता को कोई असुविधा न हो। साथ ही पीए सिस्टम के माध्यम से लोगों को हीटवेव से बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा — जैसे “क्या करें, क्या न करें”, “बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें”, इत्यादि।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि समस्त तैयारियों की समीक्षा समयबद्ध ढंग से की जाए और प्रत्येक कार्य की जानकारी फोटोग्राफ और रिपोर्ट के माध्यम से साझा की जाए। यह कार्य प्रशासन की सक्रियता और पारदर्शिता का प्रमाण है।

गौशालाओं और पशु आश्रय स्थलों के लिए भी राहत योजना:

केवल इंसानों के लिए ही नहीं, जिलाधिकारी के निर्देश पर पशुओं के लिए भी विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। अपर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को आदेशित किया गया है कि सभी गौ-आश्रय केंद्रों और गौशालाओं में पेयजल, चारा, छाया और टीकाकरण की व्यवस्था की जाए। मवेशियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए दवाओं की उपलब्धता भी अनिवार्य की गई है।

जनता में राहत और विश्वास का संचार:

गोंडा प्रशासन की इस सक्रियता से जिले के नागरिकों में राहत की भावना देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि जिलाधिकारी नेहा शर्मा की यह पहल अभूतपूर्व और अत्यंत मानवीय है। ऐसे कठिन समय में जब गर्मी ने लोगों की दिनचर्या को बाधित कर रखा है, प्रशासन द्वारा उठाए गए ये कदम लोगों को न केवल राहत दे रहे हैं बल्कि यह दर्शा रहे हैं कि प्रशासन पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ जनहित में कार्य कर रहा है।

गोंडा में उठाए गए ये कदम भविष्य में अन्य जिलों के लिए आदर्श मॉडल बन सकते हैं। जिलाधिकारी नेहा शर्मा की दूरदर्शिता और संवेदनशील प्रशासनिक शैली ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सशक्त नेतृत्व और जनसेवा की भावना से बड़े से बड़े संकट को भी मात दी जा सकती है।

 

— हिंद लेखनी न्यूज़, गोंडा से विशेष रिपोर्ट

 

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