कर्नलगंज तहसील में बड़ा टकराव: अधिवक्ताओं और उपजिलाधिकारी आमने-सामने

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

कर्नलगंज तहसील में बड़ा टकराव: अधिवक्ताओं और उपजिलाधिकारी आमने-सामने — नारेबाजी से गूंजा परिसर, SDM ने कहा “सरकारी कार्य में बाधा डालने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई”

कर्नलगंज (गोण्डा)। तहसील कर्नलगंज में गुरुवार को वकीलों और उपजिलाधिकारी के बीच चल रहा विवाद अपने चरम पर पहुंच गया। कई दिनों से कार्य बहिष्कार पर चल रहे अधिवक्ताओं ने आज तहसील परिसर का घेराव करते हुए उपजिलाधिकारी नेहा मिश्रा के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया। पूरा तहसील परिसर “भ्रष्ट प्रशासन मुर्दाबाद” और “कर्नलगंज SDM वापस जाओ” जैसे नारों से गूंज उठा।

अधिवक्ताओं का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब SDM द्वारा पूर्व में दिए गए बयानों को अधिवक्ता समाज ने अपनी गरिमा के विरुद्ध बताया। स्थिति इतनी गर्मा गई कि तहसील के प्रशासनिक कर्मचारियों और अधिवक्ताओं के बीच तीखी बहस तक हो गई।

अधिवक्ता संघ ने किया तहसील का घेराव, सैकड़ों वकील हुए एकजुट।

कर्नलगंज अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्यामधर शुक्ला, मंत्री पवन कुमार शुक्ला, वरिष्ठ अधिवक्ता संजय मिश्रा, दीपक मिश्रा, प्रतापभली सिंह, वी.के. सिंह, वेद तिवारी, सुशील सिंह, रामसभा मिश्रा, राम बाबू पांडेय, अरविंद शुक्ला, मोहित मिश्रा ,डी.के. मिश्रा, जय राज सिंह, ओम प्रकाश यादव, सचिन सिंह, अतुल शुक्ला, हर्षवर्धन मिश्रा, राम रमन तिवारी समेत सैकड़ों अधिवक्ता तहसील परिसर में एकत्र होकर नारेबाजी करते रहे।

वकीलों का कहना था कि SDM नेहा मिश्रा का व्यवहार अधिवक्ता समाज के प्रति अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि SDM द्वारा न्यायिक कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप किया जा रहा है और अधिवक्ताओं के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है।

SDM नेहा मिश्रा का पलटवार: “आरोप निराधार, साक्ष्य प्रस्तुत करें”

उपजिलाधिकारी नेहा मिश्रा ने अधिवक्ताओं द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि “यदि किसी व्यक्ति या अधिवक्ता को मेरे किसी कार्य से हानि हुई है, तो वह प्रमाण सहित लिखित शिकायत जिलाधिकारी या उच्चाधिकारियों को दें। मैं हमेशा पारदर्शी और जनहितकारी तरीके से कार्य करती हूं।”

उन्होंने आगे कहा कि उनके पास भी ऐसे साक्ष्य मौजूद हैं जो यह साबित करते हैं कि कुछ अधिवक्ता जानबूझकर सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं और दबाव की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा, “यदि मेरे कार्य में कोई व्यक्ति अड़चन पैदा करेगा तो मैं जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से शिकायत करूंगी तथा PAC बल तैनात कराकर काम कराऊंगी। देखती हूं, कौन सरकारी कार्य को रोकता है।”

अधिवक्ताओं का पलटवार: “SDM का व्यवहार अमर्यादित, असंवेदनशील”

वकीलों ने SDM के इस बयान को प्रशासनिक अहंकार बताया और कहा कि तहसील परिसर में वकीलों के साथ अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिवक्ता संघ ने कहा कि यह मामला किसी व्यक्तिगत नाराजगी का नहीं, बल्कि पूरे अधिवक्ता समाज के सम्मान से जुड़ा हुआ है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की कि उपजिलाधिकारी का तत्काल स्थानांतरण किया जाए, अन्यथा आंदोलन को जिला स्तर पर विस्तारित किया जाएगा।

तनावपूर्ण माहौल में पुलिस की तैनाती बढ़ाई गई।

विवाद की गंभीरता को देखते हुए थाना कर्नलगंज की पुलिस मौके पर पहुंची और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। तहसील परिसर में संभावित विवाद की आशंका के मद्देनज़र पुलिस बल की तैनाती की गई। प्रशासन ने स्थिति पर नज़र बनाए रखी हुई है।

जनता में भी चर्चा — “अधिकार बनाम प्रशासन” की जंग।

कर्नलगंज क्षेत्र में यह मामला अब चर्चा का विषय बन गया है। लोग इसे “अधिकार बनाम प्रशासन” की जंग के रूप में देख रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि प्रशासनिक अनुशासन बनाए रखना आवश्यक है, वहीं अधिवक्ता समाज का तर्क है कि सम्मान और गरिमा के साथ कार्य करना उनका संवैधानिक अधिकार है।

अंत में – अब नजरें जिला प्रशासन पर

कर्नलगंज तहसील में वकीलों और उपजिलाधिकारी के बीच टकराव ने एक नया मोड़ ले लिया है। जहां अधिवक्ता अपने सम्मान की रक्षा के लिए संघर्षरत हैं, वहीं SDM इसे प्रशासनिक अनुशासन और कानून-व्यवस्था की मजबूती के रूप में देख रही हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन इस विवाद को कैसे सुलझाता है — संवाद, जांच या फिर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई के माध्यम से।

(रिपोर्ट: हिन्द लेखनी न्यूज, कर्नलगंज, गोण्डा)

HIND LEKHNI NEWS
Author: HIND LEKHNI NEWS

लोगों की निंदा से घबराकर, अपना रास्ता मत बदलना, क्योंकि सफलता शर्म से नहीं, साहस से मिलती है। हिन्द लेखनी न्यूज

Leave a Comment

और पढ़ें