समर्पित शिक्षक सत्य प्रकाश तिवारी के निधन से करनैलगंज सहित क्षेत्र में शोक, परिवार और क्षेत्र में पसरा मातम

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करनैलगंज/गोंडा। जीवन भर शिक्षा के क्षेत्र को समर्पित रहने वाले चित्रगुप्त इंटर कॉलेज करनैलगंज के शिक्षक सत्य प्रकाश तिवारी (46 वर्ष) का बीते 6 जुलाई को लखनऊ में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके असामयिक निधन से न केवल विद्यालय परिवार, बल्कि पूरा करनैलगंज क्षेत्र शोकसंतप्त है। एक समर्पित शिक्षक, एक जिम्मेदार पिता और समाज के प्रति सजग व्यक्ति के रूप में पहचाने जाने वाले सत्य प्रकाश तिवारी का यूं अचानक चले जाना सबको स्तब्ध कर गया है।

1 जुलाई की सुबह बना जीवन का सबसे काला दिन

मूल रूप से करनैलगंज ब्लॉक के ग्राम पांडेचौरा निवासी सत्य प्रकाश तिवारी रोज की भांति 1 जुलाई की सुबह विद्यालय जाने के लिए निकले थे। लेकिन दुर्भाग्यवश मौर्य नगर चौराहे पर एक तेज़ रफ्तार ट्रक की चपेट में आकर वह गंभीर रूप से घायल हो गए। राहगीरों और विद्यालय स्टाफ की तत्परता से उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें गोंडा जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

हालत में कोई सुधार न होने पर परिजनों ने उन्हें लखनऊ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ वे लगातार जिंदगी से जूझते रहे। मगर 6 जुलाई को इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।

विद्यालय परिवार में शोक की लहर, प्रबंधक ने दी श्रद्धांजलि।

चित्रगुप्त इंटर कॉलेज में सत्य प्रकाश तिवारी कई वर्षों से अध्यापक के रूप में कार्यरत थे। वह न केवल एक सक्रिय और सजग शिक्षक थे, बल्कि छात्रों में अनुशासन, नैतिकता और मेहनत की प्रेरणा भी थे। विद्यालय के प्रबंधक वी. के. श्रीवास्तव ने गहरे दुख के साथ कहा,

“तिवारी जी का जाना हमारे विद्यालय परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। वे जितने कुशल शिक्षक थे, उतने ही विनम्र और सहयोगी स्वभाव के व्यक्ति भी। आज हमने न केवल एक शिक्षक, बल्कि एक परिवार का अभिन्न अंग खो दिया है। हम उनके परिवार के साथ हर परिस्थिति में खड़े हैं।”

शोक व्यक्त करने वालों में जी. के. श्रीवास्तव, प्रवेश मिश्रा, राजन मिश्रा, अनुपम मिश्रा, पवनदेव सिंह, रवि सिंह सहित विद्यालय के अनेक शिक्षक व कर्मचारी शामिल रहे। विद्यालय में एक शोकसभा का आयोजन कर दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

होम ट्यूशन से चलता था परिवार, अब घर का दीपक बुझ गया

सत्य प्रकाश तिवारी केवल विद्यालय तक सीमित नहीं थे। वह क्षेत्र में कई बच्चों को होम ट्यूशन भी देते थे। यही उनकी आजीविका और परिवार की मुख्य आर्थिक सहायता थी। शिक्षण के प्रति उनका समर्पण इतना था कि वह प्रतिदिन विद्यालय से लौटने के बाद शाम को बच्चों को पढ़ाया करते थे। उनके असमय निधन ने परिवार को पूरी तरह असहाय और आर्थिक रूप से संकटग्रस्त बना दिया है।

घर में उनकी पत्नी और बच्चे हैं, जो इस क्षति से उबर नहीं पा रहे हैं। पूरे मोहल्ले और ग्राम पंचायत में शोक का माहौल है, लोग परिजनों को ढाढ़स बंधा रहे हैं, मगर परिवार का हर सदस्य गम में डूबा है।

समाज ने खोया एक मार्गदर्शक

सत्य प्रकाश तिवारी न केवल एक शिक्षक बल्कि समाज के सजग प्रहरी भी थे। वह सामाजिक मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखते थे और हर संभव सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। उनके निधन को लेकर क्षेत्र के समाजसेवियों, अभिभावकों और ग्रामीणों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

“ईश्वर सत्य प्रकाश तिवारी जी की आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को यह अपार दुख सहने की शक्ति दें। समाज को ऐसे शिक्षक की कमी हमेशा खलेगी, जिन्होंने पूरी निष्ठा से शिक्षा और समाज सेवा को ही अपना धर्म माना।”

 

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