कर्नलगंज (गोंडा), 18 जून 2025 – सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) कर्नलगंज में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां चिकित्सकों द्वारा मरीजों को कोडनेम के माध्यम से निजी जांच केंद्रों पर भेजे जाने का खुलासा हुआ है। यह कोड साधारण संख्या जैसे 001, 7119 आदि के रूप में मरीज के पर्चे पर अंकित होता है, जो दरअसल संबंधित डॉक्टर का पहचान चिन्ह होता है। यह तरीका दलाली और अवैध कमीशन वसूली के गोरखधंधे का हिस्सा बताया जा रहा है।
ताजा मामला आठ वर्षीय रौनक के एक्स-रे से जुड़ा है, जिसे सीएचसी में मशीन काम कर रही होने के बावजूद एक निजी जांच केंद्र भेज दिया गया, जहां पर्चे में डॉक्टर के नाम की जगह कोड लिखा गया था। अस्पताल के सामने स्थित दस से अधिक जांच केंद्रों और मेडिकल स्टोरों से इस प्रकार की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।
गेट से शुरू हो जाती है लूट
लालेमऊ निवासी संजय अपनी पत्नी गुड़िया के इलाज के लिए सीएचसी पहुंचे थे। गेट पर ही एक महिला ने उन्हें घेर लिया और जांच के नाम पर 700 रुपये तथा दवा के नाम पर 1400 रुपये वसूल लिए। जब संजय ने पर्चा और डॉक्टर का नाम मांगा, तो कहा गया कि इलाज फोन पर ही होता है और किसी दिक्कत पर दोबारा बताया जाएगा। महिला ने एक डॉक्टर का नाम भी फोन पर बताया।
मामला अधीक्षक तक पहुंचा, आशा बहु को नोटिस
यह मामला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनुज कुमार तक पहुंचा, जिन्होंने तत्काल प्रभाव से मामले की जांच के आदेश दिए हैं। आशा बहु रंजना को इस मामले में नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
दवा दुकानों से भी सेटिंग, व्हाट्सएप से चल रहा खेल
सूत्रों के अनुसार, कुछ चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी व्हाट्सएप के माध्यम से सीधे दवा की पर्ची भेजकर बाहर की दवा दुकानों से दवा मंगवाते हैं और इसके एवज में कमीशन लेते हैं। अस्पताल के सामने मौजूद कई मेडिकल स्टोरों में दलाल सक्रिय हैं, जो मरीजों को भ्रमित कर अपने लाभ के लिए निजी जांच व दवा केंद्रों पर भेजते हैं।
अधीक्षक बोले – पुलिस भी बुलाई लेकिन असर नहीं
डॉ. अनुज कुमार ने बताया कि वह दलालों से बेहद परेशान हैं। पुलिस भी कई बार बुलाई गई, लेकिन स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। जब स्वास्थ्यकर्मी इसका विरोध करते हैं तो दलाल झगड़े पर उतारू हो जाते हैं।
जांच की मांग, व्यवस्था में सुधार की दरकार
इस पूरे प्रकरण ने सरकारी अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्ट तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही दोषी कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई और दलालों की गतिविधियों पर पूर्ण रोक की आवश्यकता जताई है।
यह खबर आमजन के लिए चेतावनी है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज के नाम पर किस तरह से खुलेआम अवैध वसूली हो रही है और किस तरह से मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है।
