चार गांवों में 84 लाख की लाइटिंग, बाकी 67 पंचायतों में अंधकार

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खण्ड विकास अधिकारी जे एन राव
             खण्ड विकास अधिकारी जे एन राव

कर्नलगंज (गोंडा)। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कर्नलगंज विकासखंड में प्रकाश व्यवस्था के नाम पर बड़ा भेदभाव उजागर हुआ है। क्षेत्र पंचायत द्वारा प्रकाश कार्यों के लिए आवंटित 105 लाख रुपये में से 84 लाख रुपये केवल चार ग्राम पंचायतों — कूरी, कटरा शहबाजपुर, मलौली और धनावा — पर खर्च किए जा रहे हैं। इन गांवों में हाईमास्ट, स्ट्रीट लाइट और सोलर लाइट लगाने का कार्य प्रगति पर है, जबकि अन्य 67 ग्राम पंचायतों को इस योजना से बाहर रखा गया है।

चार गांवों पर मेहरबानी

सूत्रों के मुताबिक, ग्राम पंचायत कूरी में बरगदी चौराहा, पोस्ट ऑफिस, संस्कृत पाठशाला और सरकारी नलकूप के पास 28.52 लाख रुपये की लागत से हाईमास्ट लगाए जा रहे हैं। इसी गांव में 7.79 लाख रुपये से 30 सोलर लाइटें लगाई जा रही हैं। कटरा शहबाजपुर में सचिवालय और पांडेयपुरवा चौराहा पर 14.26 लाख रुपये से हाईमास्ट और 7.79 लाख रुपये से 30 सोलर लाइटें लगाई जा रही हैं। वहीं धनावा में सचिवालय पर 7.13 लाख रुपये से हाईमास्ट और 7.79 लाख से 30 सोलर लाइटें, जबकि मलौली में गल्ला दुकान के पास 7.13 लाख से हाईमास्ट व 3.89 लाख रुपये से 15 सोलर लाइटें लग रही हैं।

ब्लॉक मुख्यालय को भी मिला हिस्सा।

ब्लॉक परिसर में भी 14.26 लाख रुपये से दो हाईमास्ट और 7.01 लाख रुपये से 27 अन्य लाइटें लगाए जाने की योजना है।

67 पंचायतों में मायूसी, उठे सवाल।

राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव व कचनापुर के प्रधान राकेश मोहन तिवारी ने इसे विकास के नाम पर खुला पक्षपात बताया है। उनका कहना है कि “खड़ाऊं राज” के चलते विकास कार्य केवल कुछ खास गांवों में सिमट कर रह गए हैं। 67 पंचायतों के ग्रामीण खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

चयन प्रक्रिया पर प्रशासन मौन।

प्रभारी बीडीओ जेएन राव ने बताया कि गांवों का चयन क्षेत्र प्रमुख के प्रस्ताव पर हुआ है, लेकिन सिर्फ चार गांवों को चुने जाने पर वे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। बिजली बिलों के भुगतान को लेकर भी कोई ठोस योजना नहीं है। इस संबंध में उन्होंने केवल इतना कहा कि जानकारी मंगाई जा रही है।

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