डाक विभाग में करोड़ों का घोटाला! कर्नलगंज उपडाकघर में खाताधारकों की बचत राशि से ₹67 लाख की गबन, 10 कर्मचारी संदेह के घेरे में

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डाक विभाग में करोड़ों का घोटाला! कर्नलगंज उपडाकघर में खाताधारकों की बचत राशि से ₹67 लाख की गबन, 10 कर्मचारी संदेह के घेरे में

गोण्डा, 13 मई 2025 – संवाददाता, हिंद लेखनी न्यूज़

कर्नलगंज स्थित उपडाकघर में एक चौंकाने वाला वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसने न केवल डाक विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी गहरी चोट पहुंचाई है। भारतीय डाक विभाग के निरीक्षक कार्यालय द्वारा थाना कर्नलगंज को भेजे गए एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि कर्नलगंज उपडाकघर में कार्यरत और पूर्व में तैनात कर्मचारियों ने मिलकर खाताधारकों के खातों से करीब ₹67,06,987 की भारी रकम का गबन किया है।

डाक विभाग की ओर से थाना प्रभारी को लिखे गए पत्र में कुल 10 कर्मचारियों और ग्रामीण डाक सेवकों के नाम सामने आए हैं, जिनमें से कुछ वर्तमान में अन्य स्थानों पर कार्यरत हैं, जबकि कुछ निलंबित हो चुके हैं और एक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुका है। इन सभी पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और खातों से अवैध निकासी में संलिप्त होने का आरोप है।

घोटाले में संलिप्त कर्मचारियों के नाम व पद:

  1. राहुल शुक्ला – तत्कालीन डाक सहायक, कर्नलगंज (वर्तमान: डाक सहायक, प्रडा बाराबंकी)
  2. रामपाल द्विवेदी – तत्कालीन उपपोस्टमास्टर, कर्नलगंज (वर्तमान: एपीएम मेल, प्रडा गोण्डा)
  3. भुवनेश कुशवाहा – निलंबित एलएसजी डाक सहायक, प्रडा गोण्डा
  4. दीपक कुमार सिंह – तत्कालीन शाखा पोस्टमास्टर, कुर्था (वर्तमान: निलंबित पोस्टमैन, प्रडा गोरखपुर)
  5. सुधीर कुमार वर्मा – निलंबित उपपोस्टमास्टर, चमरूपुर
  6. आशीष श्रीवास्तव – तत्कालीन उपपोस्टमास्टर, कर्नलगंज (वर्तमान: पोस्टमास्टर, प्रडा बलरामपुर)
  7. धीरेंद्र कुमार वर्मा – डाक सहायक, कर्नलगंज
  8. हरिहर नाथ सिंह – सेवानिवृत्त डाक सहायक, कर्नलगंज
  9. बसंत कुमार – तत्कालीन एमटीएस, कर्नलगंज (वर्तमान: एमटीएस, बस स्टेशन उपडाकघर, गोण्डा)
  10. राघवेंद्र कुमार पाण्डेय – तत्कालीन डाक सहायक, कर्नलगंज (वर्तमान: डाक सहायक, परसपुर)

क्या है मामला?

डाक निरीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार, उपडाकघर कर्नलगंज में संचालित बचत बैंक खातों से बिना खाताधारकों की जानकारी के अवैध रूप से लाखों रुपये की निकासी की गई। यह कार्य लंबे समय तक सुनियोजित तरीके से किया गया, जिसमें विभागीय नियमों की खुलेआम अनदेखी की गई। जब शिकायतें बढ़ीं और विभागीय जांच शुरू हुई, तब जाकर इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ।

कानूनी कार्यवाही की मांग।

डाक निरीक्षक कार्यालय ने थाना कर्नलगंज को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उपरोक्त सभी कर्मचारियों और संबंधित डाक कर्मियों के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से उचित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही शुरू की जाए। साथ ही आरोपियों से वसूली की प्रक्रिया भी जल्द से जल्द प्रारंभ की जाए।

जनता में आक्रोश।

इस मामले के सामने आने के बाद कर्नलगंज और आसपास के क्षेत्रों में लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। जिन खातों से अवैध निकासी हुई है, उनमें अधिकतर खाताधारक ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं, जिनकी जीवन भर की जमापूंजी पर डाका डाला गया है।

विभागीय लापरवाही या मिलीभगत?

सवाल उठ रहे हैं कि इतने बड़े पैमाने पर वित्तीय गबन बिना उच्चाधिकारियों की जानकारी या शह के संभव कैसे हुआ। क्या यह केवल कुछ कर्मचारियों का व्यक्तिगत भ्रष्टाचार था या फिर विभागीय स्तर पर एक गहरी साजिश?

अब आगे क्या?

फिलहाल मामला पुलिस की जांच के अधीन है। एफआईआर दर्ज होने के बाद दोषियों की गिरफ्तारी और विभागीय कार्यवाही की प्रक्रिया तेज होगी। जनता को उम्मीद है कि इस घोटाले में शामिल हर दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी और उनकी रकम उन्हें वापस मिलेगी।

हिंद लेखनी न्यूज़ इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है और आपको हर अपडेट सबसे पहले उपलब्ध कराएगा।

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