होली गीतों पर झूम उठे लोग, संगीत संध्या में बहा भजनों और मधुर स्वरों का जादू
रायबरेली। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति न्यास द्वारा आयोजित पुस्तक मेले के आठवें दिन संगीत और भजन संध्या का आयोजन हुआ, जिसका समापन फूलों की होली के साथ किया गया। कार्यक्रम में होली के पारंपरिक गीतों, भजनों और संगीतमय प्रस्तुतियों ने ऐसा समां बांधा कि श्रोता देर रात तक मंत्रमुग्ध होकर झूमते रहे।
“आज बिरज में होरी रे रसिया” पर झूमे लोग, फूलों की बारिश में मना होली उत्सव
संगीत संध्या की शुरुआत लखनऊ के प्रसिद्ध वे-राग बैंड के गायक अंकुर कक्कड़ ने की। उन्होंने बांके बिहारी लाल के भजनों के साथ संगीत का माहौल रचा। विक्रांत श्रीवास्तव (गिटार) और डॉ. शैलांक (ड्रम) के साथ उन्होंने कई बॉलीवुड और होली गीत प्रस्तुत किए, जिन पर दर्शकों ने खूब ठुमके लगाए।
इसके बाद अंकुर कक्कड़ और अमित सिंह की जोड़ी ने होली गीतों की ऐसी धूम मचाई कि दर्शक स्टेज पर चढ़कर नृत्य करने लगे। फूलों की बारिश के बीच ‘आज बिरज में होरी रे रसिया’ और ‘रंग बरसे’ जैसे गीतों पर श्रोता देर रात तक थिरकते रहे।
हरिओम मिश्र, मो. फैज और शिवानी सिंह की प्रस्तुतियों ने बंधा समां।
संगीत संध्या में उन्नाव के युवा गायक हरिओम मिश्र ने अपनी मधुर आवाज में भजन प्रस्तुत कर माहौल भक्तिमय कर दिया। उन्होंने “रंग डारो न बीच बाजार” और “हाय पकड़ो न बैयां हमार” जैसे गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके अलावा, गायक मो. फैज ने बॉलीवुड के सदाबहार गीतों से संगीतमय शाम को और रंगीन बना दिया। शिवानी सिंह ने अपनी शानदार नृत्य प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। वहीं, पंकज चौधरी ने कुशल संचालन कर संध्या को और आकर्षक बनाया।
दृष्टि पांडेय की भजनों की गंगा, भक्ति रस में डूबे श्रोता।
कार्यक्रम में जिले की नवोदित गायिका दृष्टि पांडेय देवांशी ने भजनों की गंगा बहाई। उनकी मधुर आवाज में प्रस्तुत “मैहर की शारदा भवानी” और “ऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन” जैसे भजनों ने श्रोताओं का मन मोह लिया। उनके भजनों को सुनकर श्रोता भाव-विभोर हो गए और देर तक तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही।
कलाकारों का सम्मान, रायबरेली के संगीत इतिहास पर हुई चर्चा।
कार्यक्रम के संयोजक गौरव अवस्थी ने बताया कि रायबरेली का संगीत से जुड़ा चार सदियों पुराना गौरवशाली इतिहास है। कार्यक्रम में कॉलेज के प्रबंध मंत्री अतुल भार्गव, रेयान इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल सदफ, लल्लन मिश्र, गिरीश चंद्र मिश्र, अमर द्विवेदी, शशिकांत अवस्थी, मधु कक्कड़, प्राची मिश्रा सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने कलाकारों को उपहार देकर सम्मानित किया।
वहीं, विश्व महिला दिवस के अवसर पर गायिका दृष्टि पांडेय को विनोद शुक्ल और अनिल मिश्र द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
संस्कृति, संगीत और होली के रंगों से सराबोर हुआ पुस्तक मेला
इस आयोजन ने न केवल होली के रंगों को संगीत की मिठास से सराबोर किया, बल्कि पुस्तक मेले के सांस्कृतिक महत्व को भी दर्शाया। दर्शकों ने इसे एक ऐतिहासिक संध्या करार दिया, जहां संगीत, भक्ति और होली के रंगों का संगम देखने को मिला।
