





गोंडा। जनपद गोंडा के शिक्षा विभाग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) अतुल कुमार तिवारी पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद गोरखपुर की विशेष एंटी-करप्शन कोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।सूत्रों के मुताबिक, लगभग 15 करोड़ रुपये के सरकारी टेंडर में भारी अनियमितताओं और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ठेकेदार मनोज पांडे ने अदालत में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि बीएसए अतुल कुमार तिवारी, डीसी जैम प्रेम शंकर मिश्रा और डीसी सिविल विद्याभूषण मिश्रा ने फर्नीचर सप्लाई का टेंडर पास करने के लिए उनसे 2 करोड़ 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।

मनोज पांडे की फर्म को जिले के 564 विद्यालयों में फर्नीचर सप्लाई का टेंडर मिला था। पांडे के अनुसार, उन्होंने अधिकारियों को 26 लाख रुपये पहले ही दे दिए थे, लेकिन शेष रकम न देने पर उनकी फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया।मनोज पांडे ने कोर्ट में रिश्वत मांगने के पुख्ता सबूत के रूप में व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट्स प्रस्तुत किए। वहीं दूसरी ओर, अधिकारियों ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए कहा कि ठेकेदार की फर्म को जाली दस्तावेज प्रस्तुत करने के कारण ब्लैकलिस्ट किया गया था। बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने यह भी कहा कि शिकायत बदले की भावना से प्रेरित है।
हालांकि, कोर्ट ने ठेकेदार द्वारा पेश किए गए सबूतों को गंभीर और पर्याप्त माना और नगर कोतवाली गोंडा को आदेश दिया कि तीनों अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में तत्काल एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की जाए। गोंडा का शिक्षा विभाग पहले से ही फर्जी नियुक्तियों और रिकॉर्ड हेरफेर जैसे मामलों को लेकर विवादों में रहा है। अब इस रिश्वतखोरी और टेंडर घोटाले ने विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अभी तक एफआईआर औपचारिक रूप से दर्ज नहीं हुई है, लेकिन कोर्ट के आदेश जारी हो चुके हैं। अब अगला कदम होगा — मामले की विस्तृत जांच और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करना।
Author: HIND LEKHNI NEWS
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