

— प्रशासनिक ढिलाई से अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद, सरकारी जमीन पर कब्जे का खेल जारी
गोण्डा।
करनैलगंज नगर में नजूल भूमि पर हो रहे अवैध निर्माण अब नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही और निष्क्रियता का प्रतीक बन चुके हैं। नगर पालिका परिषद की उदासीनता के चलते सरकारी भूमि पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है, जिससे न केवल शहर की सुंदरता और नियोजन व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि राजस्व को भी भारी नुकसान पहुँच रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि समय-समय पर शिकायतें की जाती हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई जाती है। इसी कारण अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं और वे खुलेआम सरकारी जमीनों पर कब्जा जमाने में लगे हुए हैं।
नगर पालिका की शिथिलता बनी मुख्य वजह
नगर पालिका परिषद करनैलगंज के अंतर्गत आने वाले कई क्षेत्रों में नजूल भूमि पर तेजी से निर्माण कार्य चल रहे हैं। इनमें से अधिकतर निर्माण बिना किसी स्वीकृत नक्शे और बिना फ्री-होल्ड प्रक्रिया पूरी किए किए जा रहे हैं।
नगर पालिका प्रशासन द्वारा न तो नियमित निरीक्षण किया जा रहा है और न ही अतिक्रमण के विरुद्ध कोई ठोस अभियान चलाया जा रहा है। परिणामस्वरूप, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वालों को खुली छूट मिल गई है।स्थानीय लोगों का कहना है कि जब नगर पालिका स्वयं अपने अधिकार क्षेत्र की भूमि की सुरक्षा नहीं कर पा रही, तो आम नागरिकों को नियमों के पालन की अपेक्षा करना व्यर्थ है।
शिकायतें होती हैं पर कार्रवाई नहीं
शहरवासियों के अनुसार, नगर में इस तरह के अवैध निर्माणों की शिकायतें महीनों से की जा रही हैं। हर्षित सोनी पुत्र रमेश कुमार सहित कई नागरिकों ने हाल ही में उपजिलाधिकारी करनैलगंज को नजूल भूमि पर अवैध निर्माण की लिखित शिकायत दी थी।
शिकायत के बाद प्रशासन ने लेखपाल से स्थलीय जांच कराई, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि बालूगंज क्षेत्र में नजूल भूमि पर बिना नक्शा पास कराए निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख था कि यह भूमि नगर पालिका परिषद करनैलगंज से संबंधित है और बिना अनुमति निर्माण किया जा रहा है। इसके बावजूद, नगर पालिका स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं की गई है।
अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद
नगर क्षेत्र में प्रशासनिक निष्क्रियता का नतीजा यह है कि अब अतिक्रमणकारी और भी अधिक निर्भीक होकर सरकारी जमीनों पर निर्माण करने लगे हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब अधिकारियों को शिकायतें दी जाती हैं तो या तो जांच के नाम पर समय टाला जाता है या फिर मामला ‘कागज़ी कार्रवाई’ में ही खत्म हो जाता है।
इससे अतिक्रमण करने वालों को संदेश मिलता है कि वे बिना किसी डर के सरकारी भूमि पर कब्जा जारी रख सकते हैं।
राजस्व को हो रहा है भारी नुकसान
नजूल भूमि सरकारी संपत्ति होती है, जो सार्वजनिक उपयोग या सरकारी योजनाओं के लिए आरक्षित रहती है। इस पर यदि निजी निर्माण होते हैं, तो सरकार का राजस्व सीधे प्रभावित होता है।
फ्री-होल्ड और नक्शा स्वीकृति प्रक्रिया से नगर पालिका को बड़ी मात्रा में राजस्व प्राप्त होता है, लेकिन जब लोग अवैध रूप से निर्माण करते हैं तो यह धनराशि शासन तक पहुँचने से पहले ही खत्म हो जाती है।
इसके अलावा, भविष्य में इस तरह के निर्माण कानूनी विवादों को भी जन्म देते हैं।
नगर की सूरत बिगाड़ रहे अवैध निर्माण
करनैलगंज नगर में अवैध निर्माणों की भरमार से शहर की नियोजित संरचना बुरी तरह प्रभावित हो रही है। जहाँ एक ओर सरकार ‘स्मार्ट सिटी’ और ‘क्लीन सिटी’ की दिशा में योजनाएँ चला रही है, वहीं दूसरी ओर नगर पालिका की लापरवाही इन योजनाओं पर पानी फेर रही है।
बिना नक्शा पास किए बनाए गए भवन न केवल यातायात व्यवस्था में बाधा डालते हैं बल्कि जलनिकासी, स्वच्छता और अग्निशमन जैसी व्यवस्थाओं को भी खतरे में डालते हैं।
जनता की मांग — हो कड़ी कार्रवाई
स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि करनैलगंज नगर में नजूल भूमि पर हो रहे सभी अवैध निर्माणों की सूची तैयार की जाए और उन पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाए।
लोगों का कहना है कि जब तक प्रशासनिक स्तर पर सख्त कार्रवाई नहीं होती और दोषियों पर मुकदमा दर्ज नहीं किया जाता, तब तक सरकारी भूमि पर कब्जे का यह खेल थमने वाला नहीं है।
जवाबदेही तय करने की जरूरत।
नगर पालिका परिषद करनैलगंज के अधिकारियों पर भी जवाबदेही तय करने की मांग उठी है। लोगों का कहना है कि यदि समय-समय पर निरीक्षण और रोकथाम की कार्रवाई की जाती, तो स्थिति इतनी नहीं बिगड़ती।
अब प्रशासन के सामने चुनौती यह है कि वह अपने ही विभाग के भीतर व्याप्त शिथिलता को खत्म करे और शहर को अवैध निर्माणों से मुक्त कराए।करनैलगंज नगर पालिका क्षेत्र में नजूल भूमि पर हो रहे अवैध निर्माण प्रशासनिक सुस्ती और भ्रष्ट प्रणाली का नतीजा हैं।यदि नगर पालिका परिषद ने अब भी सजगता नहीं दिखाई, तो आने वाले समय में यह अतिक्रमण न केवल सरकारी भूमि को निगल जाएगा बल्कि करनैलगंज की पहचान को भी धूमिल कर देगा।
नगरवासियों की उम्मीदें अब उपजिलाधिकारी और जिलाप्रशासन से हैं, जो इस मामले में जल्द और कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

Author: HIND LEKHNI NEWS
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