

आंगनबाड़ी कार्यकत्री हटाई गईं, शिक्षामित्र की नियुक्ति से बवाल; प्रधान व ग्रामीण आमने-सामने।
बीएलओ की नियुक्ति पर विवाद गहराया, निष्पक्षता पर सवाल और आरोप-प्रत्यारोप तेज।
गोंडा, 23 सितम्बर 2025।जनपद गोंडा में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2026 से पहले बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की नियुक्ति को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। ग्रामसभा प्रतापपुर, विकासखंड कर्नलगंज के मतदान केन्द्र संख्या 38 पर बीएलओ की नियुक्ति को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं।
सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) कर्नलगंज की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व में इस मतदान केन्द्र पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुभागवती सिंह बीएलओ के रूप में कार्यरत थीं। सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के आदेश पर उन्हें 20 सितम्बर 2025 को पद से हटा दिया गया और उनके स्थान पर शिक्षामित्र अरुण कुमार सिंह की नियुक्ति की गई। अधिकारियों का कहना है कि सुभागवती सिंह को बस्ता जमा करने का निर्देश भी दिया गया था, लेकिन उन्होंने अब तक पालन नहीं किया है। इस कारण उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की गई है।
वहीं, इस बदलाव का विरोध करते हुए ग्रामसभा प्रतापपुर निवासी विजय प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि नवनियुक्त बीएलओ अरुण कुमार सिंह, वर्तमान प्रधान पद प्रत्याशी कौशलेंद्र प्रताप सिंह के रिश्तेदार हैं। उनका दावा है कि यह नियुक्ति सत्तारूढ़ दल के दबाव में की गई है, जिससे आगामी चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। उन्होंने मांग की है कि अरुण कुमार सिंह को हटाकर पुनः सुभागवती सिंह या किसी अन्य निष्पक्ष अधिकारी को नियुक्त किया जाए।
इधर, इस मामले में ग्राम प्रधान कौशलेंद्र प्रताप सिंह भी सामने आ गए हैं। उन्होंने उपजिलाधिकारी कर्नलगंज को प्रार्थना पत्र देकर अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा है कि यह सब उनकी छवि धूमिल करने की साजिश है। उन्होंने संबंधित आरोप लगाने वाले व्यक्ति पर सख्त कार्यवाही की मांग की है, ताकि चुनावी माहौल को भ्रामक प्रचार से प्रभावित न किया जा सके।
मामले ने तूल पकड़ लिया है। एक ओर ग्रामीण निष्पक्ष चुनाव की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर ग्राम प्रधान खुद को बेगुनाह बताते हुए विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं। वहीं, प्रशासनिक अधिकारी इस पूरे प्रकरण में जांच कर रहे हैं। मीडिया द्वारा उपजिलाधिकारी कर्नलगंज से संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे सीधा संवाद नहीं हो सका।
अब देखना यह होगा कि उच्च प्रशासन इस विवादित नियुक्ति पर क्या कदम उठाता है और क्या आगामी पंचायत चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष व पारदर्शी हो पाएंगे।

Author: HIND LEKHNI NEWS
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