मंदिर के पुजारी ने लगाई गुहार, पत्रकार पर चढ़ावे की रकम हड़पने और धमकाने का गंभीर आरोप

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

करनैलगंज (गोंडा)।करनैलगंज तहसील क्षेत्र के कटरा घाट स्थित ऐतिहासिक मनकामेश्वर शिव मंदिर को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। मंदिर के देखभालकर्ता व पुजारी रामपाल दास पुत्र पंगुल ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर अपनी जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। उन्होंने गंभीर आरोप लगाया है कि स्थानीय निवासी एवं स्वयं को पत्रकार बताने वाले शिवानन्द जायसवाल पुत्र सीताराम जायसवाल द्वारा लगातार उन्हें धमकाया जा रहा है और मंदिर पर चढ़ावे की रकम भी जबरन उठा ली जाती है।

दस साल से मंदिर की देखरेख कर रहे हैं रामपाल दास

प्रार्थना पत्र में रामपाल दास ने कहा है कि वह पिछले दस वर्षों से अधिक समय से मनकामेश्वर मंदिर में रहकर उसकी देखभाल कर रहे हैं। इस दौरान वे पूजा-अर्चना एवं धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करते हुए श्रद्धालुओं की सेवा कर रहे हैं। मंदिर परिसर में ही निवास करने वाले पुजारी का कहना है कि उनकी पूरी जीविका मंदिर और श्रद्धालुओं द्वारा किए गए चढ़ावे से चलती है।

विपक्षी पर धमकाने और जबरन कब्जा करने का आरोप

पुजारी रामपाल दास का आरोप है कि शिवानन्द जायसवाल नामक व्यक्ति आए दिन उन्हें मंदिर से हटाने की धमकी देता है। इतना ही नहीं, वह मंदिर पर आने वाले चढ़ावे को जबरन उठा ले जाता है और विरोध करने पर स्वयं को मंदिर का “व्यवस्थापक” बताकर दबाव बनाता है।रामपाल दास ने कहा कि वे इस प्रकरण की सूचना समाधान दिवस एवं तहसील दिवस पर लिखित प्रार्थना पत्र के माध्यम से कोतवाली करनैलगंज को कई बार दे चुके हैं। लेकिन आरोपी पत्रकार होने के कारण बार-बार प्रशासन और पुलिस पर दबाव बना लेता है, जिसके चलते कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

जिलाधिकारी से सुरक्षा की गुहार

रामपाल दास ने जिलाधिकारी से मांग की है कि उन्हें उक्त “दबंग व सरकस व्यक्ति” से सुरक्षा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि यह मामला न केवल एक साधु-संत के जीवन की सुरक्षा से जुड़ा है बल्कि धार्मिक आस्था और श्रद्धालुओं की भावनाओं से भी गहराई से संबंधित है। मंदिर पर आने वाले चढ़ावे का दुरुपयोग करना न केवल गैरकानूनी है बल्कि आस्था के साथ भी खिलवाड़ है।

श्रद्धालुओं में रोष

स्थानीय श्रद्धालुओं का कहना है कि यदि मंदिर पर आए चढ़ावे और दान का दुरुपयोग होता है, तो इससे मंदिर की व्यवस्था और धार्मिक माहौल प्रभावित होगा। श्रद्धालुओं ने भी प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और यदि पुजारी पर हो रहे उत्पीड़न के आरोप सही पाए जाते हैं तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

प्रशासन के लिए चुनौती

यह मामला प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गया है। एक ओर मंदिर में वर्षों से सेवा कर रहे पुजारी न्याय की गुहार लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी व्यक्ति स्वयं को पत्रकार बताते हुए प्रभाव का इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे में प्रशासन पर यह जिम्मेदारी बनती है कि वह मामले की निष्पक्ष जांच कर आमजन की आस्था और मंदिर व्यवस्था की रक्षा करे।

क्या कहता है कानून?

धार्मिक स्थलों पर चढ़ावे की रकम को हड़पना और पुजारी या सेवायत को धमकाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। कानूनी प्रावधानों के अनुसार यह आस्था व धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के साथ-साथ फौजदारी का मामला भी है। यह मामला तहसील दिवस पर उठाए जाने के बाद अब जिलाधिकारी के संज्ञान में पहुंच गया है। देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी से जांच करता है और क्या मंदिर पुजारी रामपाल दास को न्याय मिल पाता है।

 

Hind Lekhni News
Author: Hind Lekhni News

"पत्रकारिता में सच्चाई लिखना जिम्मेदारी और साहस का काम है। जितनी खबरें, उतनी चुनौतियां और विरोधी भी बनते हैं, इसलिए सहिष्णुता, धैर्य और संतुलित सोच के साथ ही इस रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए" "मेरा अनुभव" अधिक न्यूज पढ़ने के लिए आज ही सर्च करें,(HIND LEKHNI NEWS)

Leave a Comment

और पढ़ें