



गोंडा, 16 जुलाई 2025 —गोंडा जनपद के कटरा बाजार थाना क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से लगातार पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। ताजा मामला एक नाबालिग किशोरी की आत्महत्या से जुड़ा है, जिसने छेड़खानी और उत्पीड़न से आहत होकर अपनी जान दे दी। परिजनों का आरोप है कि उक्त किशोरी लंबे समय से एक मुस्लिम युवक की लगातार छेड़छाड़ से परेशान थी, जिसकी शिकायत 13 जुलाई को थाना कटरा बाजार पुलिस से की गई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

पीड़िता की मां का कहना है कि आरोपी की हरकतों से मानसिक रूप से टूट चुकी उनकी बेटी ने अंततः फिर से हुई छेड़खानी के बाद आत्मघाती कदम उठा लिया। इस हृदय विदारक घटना ने न सिर्फ क्षेत्रवासियों को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि पुलिस की निष्क्रियता पर भी तीखे सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्षेत्रीय जनता और परिजनों ने थाना प्रभारी राजेश सिंह की भूमिका पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। लोगों का कहना है कि जब से उन्होंने चार्ज संभाला है, तब से दबंगों और अपराधियों का वर्चस्व बढ़ा है, और गंभीर आपराधिक मामलों में भी ढिलाई बरती गई है।
सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर आक्रोश फैल गया है। यूजर्स ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गोंडा पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की है। लोग पूछ रहे हैं कि
“क्या बुलडोजर सिर्फ प्रदर्शन तक सीमित है?
क्या दबंगों को बचाने के लिए कानून मौन है?”
नौ माह पुराना बहुचर्चित ब्लाइंड मर्डर केस भी अनसुलझा
इस बीच कटरा बाजार पुलिस की कार्यशैली पर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं। मामला है सेल्हरी मंशापुरवा के पास 6 अक्टूबर 2024 को मिली 20 वर्षीय अज्ञात युवती की बोरे में बंद शव का, जिसकी गला रेतकर हत्या की गई थी।

इस बहुचर्चित ब्लाइंड मर्डर केस में आज तक न तो शव की शिनाख्त हो सकी है और न ही हत्या का कोई ठोस सुराग मिला है। घटना के वक्त तात्कालिक प्रभारी निरीक्षक संजय गुप्ता थे, जिन्हें नाकामी के चलते लाइन हाजिर कर दिया गया था। उनकी जगह 5 नवंबर को तेजतर्रार माने जाने वाले राजेश सिंह को थाने का प्रभार सौंपा गया था।
लेकिन आठ महीने बीतने के बावजूद राजेश सिंह इस हत्या की गुत्थी नहीं सुलझा सके, न ही पीड़िता की पहचान हो पाई है। बताया जा रहा है कि युवती के शव को सड़क किनारे पड़े बोरे में देखकर लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी। बोरे से निकले शव के गले पर गहरे घाव थे और बलात्कार की आशंका भी जताई गई थी।
पुलिस ने घटना के 72 घंटे बाद पोस्टमार्टम कराया, जिस पर भी सवाल उठे थे। कई संदिग्धों से पूछताछ के बावजूद पुलिस के हाथ खाली हैं। अब इस मामले में जनता का असंतोष और पुलिस की विश्वसनीयता पर संकट गहराता जा रहा है।
कटरा बाजार थाना क्षेत्र में घटित दो गंभीर घटनाओं — किशोरी की आत्महत्या और ब्लाइंड मर्डर केस — में पुलिस की लापरवाही, निष्क्रियता और अपराधियों पर ढिलाई अब खुलकर सामने आ रही है।
अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इन मामलों में कब तक सक्रिय रुख अपनाता है या यह सभी फाइलों और बहानों की भेंट चढ़ जाएंगे।
