ट्रांसफर पॉलिसी को ठेंगा, 12 वर्षों से एक ही तहसील में जमे हैं विद्युत विभाग के चंद्रभान मौर्य, राजनीतिक संरक्षण पर उठे सवाल

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कर्नलगंज (गोंडा)। जनपद गोंडा के तहसील कर्नलगंज अंतर्गत विद्युत विभाग में ट्रांसफर नीति की खुली अवहेलना सामने आ रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, 2012 बैच के विद्युत टेक्नीशियन चंद्रभान मौर्य, जो कर्नलगंज के छतई पुरवा गांव निवासी हैं, बीते 12 वर्षों से लगातार अपने ही क्षेत्र – कर्नलगंज में जमे हुए हैं। वे कभी नगर लाइन, तो कभी ग्रामीण लाइन में अपनी पोस्टिंग बदलवा लेते हैं, लेकिन तहसील नहीं छोड़ते।

माना जा रहा है कि चंद्रभान मौर्य राजनीतिक पहुंच और विभागीय अंदरूनी सेटिंग के जरिए बार-बार ट्रांसफर से बचते आ रहे हैं। जबकि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि एक ही स्थान पर इतने वर्षों तक कोई कर्मचारी नहीं रह सकता। इसके बावजूद चंद्रभान मौर्य ने 2012 से अब तक कर्नलगंज पावर हाउस और ग्रामीण उपकेंद्र में जमे रहकर ट्रांसफर नीति को मज़ाक बना दिया है।

सूत्र बताते हैं कि विभाग में इस समय ट्रांसफर पॉलिसी सक्रिय रूप से लागू है। यहां तक कि 7 जून को चीफ द्वारा इसी पावर हाउस से एक कर्मचारी का तबादला किया गया, लेकिन चंद्रभान मौर्य का नाम सूची में नहीं आया, जिससे सवाल खड़े हो रहे हैं।

सूत्र यह भी बताते हैं कि उन्होंने भविष्य के लिए एक और योजना तैयार कर रखी है — अगर कभी उनका ट्रांसफर हुआ, तो वे बहराइच जनपद के हुजूरपुर उपकेंद्र में पोस्टिंग करवाएंगे, जो उनके घर से मात्र 10 किमी की दूरी पर है, जिससे उन्हें फिर से सुविधा बनी रहे।

स्थानीय कर्मचारियों और आम जनता के बीच इस प्रकार की मनमानी व सिस्टम के दुरुपयोग को लेकर भारी असंतोष है। कर्मचारियों का मानना है कि अगर इस तरह कुछ लोगों को छूट मिलती रही तो ट्रांसफर पॉलिसी का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।

अब यह देखना अहम होगा कि क्या विभाग इस मामले में संज्ञान लेकर चंद्रभान मौर्य का ट्रांसफर सुनिश्चित करेगा, या फिर राजनीतिक दबाव एक बार फिर नियमों पर भारी पड़ेगा।

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