कटरा बाजार गोंडा : जिले की ऐतिहासिक नगर पंचायत कटरा बाजार इन दिनों भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और मनमानी कार्यशैली के चलते सुर्खियों में है। नगर पंचायत में विकास कार्यों की आड़ में सरकारी धन के दुरुपयोग, योजनाओं की धज्जियां उड़ाने और अंत्येष्टि स्थल जैसी संवेदनशील योजनाओं की धनराशि को भी हजम कर जाने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। नगरवासियों के साथ-साथ सभासदों ने भी चेयरमैन व उनके प्रतिनिधि मुजीबुल हसन उर्फ सुबराती पर व्यापक घोटालों का आरोप लगाते हुए शासन से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
अंत्येष्टि स्थल की राशि भी हुई गायब
कटरा बाजार नगर पंचायत में एक हैरतअंगेज मामला तब सामने आया जब यह पता चला कि अंत्येष्टि स्थल के लिए आवंटित राशि का उपयोग ही नहीं किया गया, जबकि कागजों में उसका कार्य पूरा दर्शाया गया है। यह मामला नगर पंचायत के भीतर व्याप्त भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को दर्शाता है। सभासदों और आम नागरिकों ने इसे अत्यंत गंभीर मुद्दा बताते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
कागजों में बनी सड़कें, धरातल पर गायब
नगरवासियों और सभासदों का आरोप है कि विधायक निधि से सीसी रोड निर्माण के नाम पर भारी भरकम धनराशि खर्च दिखा दी गई है, लेकिन धरातल पर उस सड़क का कोई अस्तित्व ही नहीं है। जिन स्थानों पर सीसी सड़क दर्शाई गई है, वहां चकरोड तक नहीं बने हैं। यह दर्शाता है कि निर्माण कार्य केवल कागजों में ही पूरा कर दिया गया और सरकार को करोड़ों की चपत लगाई गई।
चेयरमैन पर निजी निर्माण कंपनी संचालित करने का आरोप
नगर पंचायत की चेयरमैन पर खुद की कंस्ट्रक्शन कंपनी के माध्यम से ठेकेदारों की जगह सीधे काम कराए जाने का आरोप भी लगाया गया है। सभासदों का कहना है कि इससे पारदर्शिता और निष्पक्षता की भावना समाप्त हो गई है और चेयरमैन अपने पद का दुरुपयोग कर रही हैं।
बोर्ड बैठक का बहिष्कार, सभासदों का आक्रोश
बुधवार को नगर पंचायत कार्यालय में आयोजित तीसरी बोर्ड बैठक में 15 में से 14 सभासद बैठक में शामिल नहीं हुए। डेढ़ घंटे तक इंतजार के बाद अधिशासी अधिकारी संजय मिश्रा को बैठक स्थगित करनी पड़ी। सभासदों ने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों में हुए विकास कार्यों में उनकी कोई राय नहीं ली गई और न ही पारदर्शिता बरती गई।
वार्ड 7 के सभासद प्रतिनिधि लालबाबू तिवारी ने कहा कि चेयरमैन प्रतिनिधि मुजीबुल हसन न तो सभासदों की बात सुनते हैं और न ही उन्हें किसी योजना की जानकारी दी जाती है। उनका रवैया पूरी तरह निरंकुश है।
करोड़ों के कार्य बिना धरातल पर उतरे पूरे
सभासदों ने वार्ड सं० 3 चरेरा काली बगिया, चरेरा माफी, वार्ड सं० 6 पिपरी बोधक पुरवा, वार्ड सं० 8 वीरपुर डीहा, नंदा पुरवा, वार्ड सं० 12 नई बाजार जमींदार पुरवा, वार्ड सं० 13 मोहल्ला रस्तोगी टोला समेत अनेक क्षेत्रों में रबर मोल्डेड इंटरलॉकिंग, एक साइड कवर्ड नाली, आरसीसी ढलाई आदि के नाम पर हुए कार्यों में खुलकर भ्रष्टाचार होने की बात कही है। उनका कहना है कि करोड़ों रुपये की परियोजनाएं बिना जमीन पर उतरे ही फाइलों में पूरी कर दी गईं।
हैंडपंप खराब, जनता त्रस्त
नगर पंचायत में लगभग 700 सरकारी हैंडपंप हैं, जिनमें से लगभग 80 प्रतिशत खराब पड़े हैं। इनकी मरम्मत की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे आम नागरिकों को पेयजल के लिए भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह भी दर्शाता है कि बुनियादी आवश्यकताओं की अनदेखी की जा रही है।
टेंडर प्रक्रिया में भी भारी घपले का आरोप
सभासदों ने आरोप लगाया कि टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं की गई हैं। कार्यों के टेंडर मनमाने तरीके से पास कराए गए और ठेकेदारों की बजाय चेयरमैन प्रतिनिधि द्वारा कार्य सीधे अपने प्रभाव में करवाए गए। इससे न केवल पारदर्शिता पर सवाल उठता है, बल्कि नियमानुसार कार्य प्रणाली की पूरी तरह अनदेखी की गई है।
जनहित कार्य प्रभावित
वार्ड 11 के सभासद साजिद ने बताया कि जब जनता विकास कार्यों के बारे में सवाल करती है तो उनके पास कोई जवाब नहीं होता, क्योंकि उन्हें जानकारी ही नहीं दी जाती। वार्ड 12 और 13 के सभासद एक वर्ष से स्ट्रीट लाइट और नाली निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
इनायत अली ने बताया कि उन्हें नाली निर्माण खुद के खर्चे पर करवाना पड़ा क्योंकि नगर पंचायत ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इतना ही नहीं, अधिशासी अधिकारी की अनुपस्थिति में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे जरूरी कार्य भी अटक गए हैं।
सभासदों की चेतावनी : करेंगे आंदोलन
सभासदों ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, वे किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि शासन द्वारा समय रहते कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया तो वे जिले से लेकर मंडल और शासन स्तर तक धरना-प्रदर्शन और आंदोलन करेंगे।
नगर पंचायत कटरा बाजार में व्याप्त यह भ्रष्टाचार केवल आर्थिक नहीं बल्कि जनहित की हत्या जैसा है। विकास के नाम पर बंदरबांट, जन सुविधाओं की अनदेखी और पारदर्शिता का अभाव एक गंभीर प्रशासनिक संकट को जन्म दे रहा है। अब देखना यह है कि शासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।
(रिपोर्ट: हिन्द लेखनी न्यूज़, गोंडा)
विशेष सहयोग: संवाददाता टीम, कटरा बाजार
