

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया पर एक बड़ा सवालिया निशान लग गया है। भ्रष्टाचार विरोधी अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर प्रदेश की ऊर्जा निगमों में हो रहे व्यापक भ्रष्टाचार की ओर ध्यान आकृष्ट किया है और तत्काल कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ने भी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के पत्र को साझा करते हुए इसे बिजली क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी भ्रष्टाचार की खबर करार दिया है। संगठन ने आरोप लगाया है कि बिजली के निजीकरण की आड़ में ऊर्जा निगमों में संगठित तरीके से अनियमितताएं की जा रही हैं, जिससे न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा है, बल्कि आम उपभोक्ता भी प्रभावित हो रहे हैं।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश की ऊर्जा कंपनियों में चल रही गड़बड़ियों को लेकर सीधे मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है। संस्था ने आग्रह किया है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसमें संलिप्त अधिकारियों व जिम्मेदारों के विरुद्ध उचित कानूनी कार्यवाही करे।
यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार भ्रष्टाचार के प्रति “जीरो टॉलरेंस” नीति का दावा करती रही है। ऐसे में इस मुद्दे पर की गई कार्रवाई से यह तय होगा कि सरकार अपनी नीति के प्रति कितनी प्रतिबद्ध है।
प्रदेश की जनता की निगाहें अब मुख्यमंत्री की ओर हैं। यदि समय रहते निर्णायक कदम नहीं उठाए गए, तो यह मामला न केवल सरकार की छवि को प्रभावित करेगा, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में जनता का विश्वास भी डगमगा सकता है।

Author: HIND LEKHNI NEWS
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