गोंडा में शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम: विद्यालयों का सोशल ऑडिट शुरू, इंटीग्रल विश्वविद्यालय की टीम ने किया औचक निरीक्षण

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गोंडा, 2 मई 2025: उत्तर प्रदेश के गोंडा जनपद में शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। जनपद के विभिन्न विद्यालयों में सोशल ऑडिट की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसके तहत शुक्रवार को इंटीग्रल विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रतिनिधियों ने जिले के कई ब्लॉकों में चल रही सॉफ्ट (सोशल ऑडिट फैसिलिटेशन ट्रेनिंग) का औचक निरीक्षण किया। इस पहल का उद्देश्य सरकारी योजनाओं और शिक्षा की पहुंच को जन-जन तक सुनिश्चित करना है, ताकि शिक्षा व्यवस्था में सुधार और जवाबदेही को बढ़ाया जा सके।

इंटीग्रल विश्वविद्यालय की टीम का सक्रिय योगदान।

इंटीग्रल विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि योगेंद्र तिवारी, देवेंद्र तिवारी, सत्येंद्र शुक्ल और जिला समन्वयक लवलेश कुमार शुक्ला ने गोंडा के विभिन्न ब्लॉकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सॉफ्ट ट्रेनिंग की प्रगति का जायजा लिया और यह सुनिश्चित किया कि सोशल ऑडिट की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। यह निरीक्षण गोंडा के शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह पहल न केवल योजनाओं के कार्यान्वयन की जांच करेगी, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में होने वाली अनियमितताओं को भी उजागर करेगी।

करनैलगंज और परसपुर ब्लॉक में सक्रियता

निरीक्षण के दौरान, करनैलगंज ब्लॉक में क्लस्टर सोशल ऑडिटर (CSA) प्रभात तिवारी और रंजीत मौर्या ने अपनी टीम के साथ मिलकर सोशल ऑडिटर फैसिलिटेटर टीम को सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की। इसी तरह, परसपुर ब्लॉक में क्लस्टर सोशल ऑडिटर अंशिका शुक्ला और मोहनी सिंह ने अपने ब्लॉक में सक्रियता दिखाई। इन ऑडिटरों ने फैसिलिटेटर टीम को केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं, जैसे सर्व शिक्षा अभियान, मिड-डे मील, और छात्रवृत्ति योजनाओं के बारे में प्रशिक्षित किया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सोशल ऑडिट के दौरान सभी योजनाओं का सही ढंग से मूल्यांकन हो और कोई भी लाभार्थी इन योजनाओं से वंचित न रहे।

सोशल ऑडिट: पारदर्शिता और जवाबदेही की नई पहल

सोशल ऑडिट एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें जनता द्वारा सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की जमीनी हकीकत की जांच की जाती है। उत्तर प्रदेश में सोशल ऑडिट को बढ़ावा देने के लिए अगस्त 2012 में उत्तर प्रदेश सोशल ऑडिट संगठन और इसके अधीन सोशल ऑडिट निदेशालय की स्थापना की गई थी। गोंडा में यह पहल शिक्षा विभाग, पंचायती राज, और समाज कल्याण जैसे विभिन्न विभागों में लागू की जा रही है। इस प्रक्रिया के तहत कागजी रिकॉर्ड का मिलान, जमीनी निरीक्षण, और लाभार्थियों से सीधा संवाद शामिल है, ताकि योजनाओं में किसी भी तरह की अनियमितता को रोका जा सके।

इस सोशल ऑडिट का प्रमुख लक्ष्य है कि शिक्षा और सरकारी योजनाओं की पहुंच हर व्यक्ति तक हो। प्रशिक्षण के दौरान क्लस्टर सोशल ऑडिटरों ने इस बात पर जोर दिया कि सॉफ्ट मेंबर अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा के साथ पालन करें। यह सुनिश्चित किया गया कि ऑडिट प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले कार्यों की गुणवत्ता को उभारा जाए। इस पहल से न केवल विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधरेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचेगा।

गोंडा के जिला प्रशासन ने इस पहल का स्वागत किया है और इसे शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर बताया है। स्थानीय समुदाय को भी इस प्रक्रिया में शामिल करने की योजना है, ताकि जनसामान्य जागरूक हो और अपने अधिकारों के प्रति सजग रहे। सोशल ऑडिट के महत्व को समझाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं, जिसमें ग्राम पंचायत स्तर पर लोगों को शिक्षित किया जा रहा है।

गोंडा में शुरू हुआ यह सोशल ऑडिट अभियान न केवल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाएगा, बल्कि अन्य विभागों में भी पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा। इंटीग्रल विश्वविद्यालय की टीम ने आगामी दिनों में और गहन निरीक्षण करने की योजना बनाई है, ताकि इस प्रक्रिया को और प्रभावी बनाया जा सके। स्थानीय निवासियों और शिक्षकों ने इस पहल की सराहना की है और इसे शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत बताया है।

गोंडा जनपद में विद्यालयों का सोशल ऑडिट एक ऐसी पहल है, जो शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही, और गुणवत्ता को सुनिश्चित करेगी। इंटीग्रल विश्वविद्यालय की सक्रिय भागीदारी और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से यह अभियान निश्चित रूप से गोंडा के शिक्षा क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा। यह पहल न केवल गोंडा, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक मिसाल बनेगी।

[संपर्क करें: अधिक जानकारी के लिए गोंडा जिला प्रशासन की आधिकारिक वेबसाइट gonda.nic.in पर जाएं।]

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