गोंडा। शिक्षा के मंदिर एकलव्य कोचिंग सेंटर में आज संविधान निर्माता, महान समाज सुधारक और भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर सेंटर के संचालक रोहित सर और शिक्षिका रोशनी मेम की अगुवाई में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों को बाबा साहब के जीवन, संघर्ष और उनके द्वारा स्थापित मूल्यों के विषय में विस्तार से बताया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित करके की गई। बच्चों, अभिभावकों और समस्त शिक्षकों ने मिलकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर रोहित सर ने अपने प्रेरणादायी वक्तव्य में बाबा साहब के जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि “बाबा साहब सिर्फ संविधान निर्माता नहीं थे, बल्कि वे सामाजिक समानता, शिक्षा और अधिकारों के प्रतीक हैं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी दृढ़ निश्चय और शिक्षा के बल पर सफलता प्राप्त की जा सकती है।”
वहीं, रोशनी मेम ने भी बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा साहब का सपना था कि भारत का हर बच्चा शिक्षित हो और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहे। हमें उनके दिखाए रास्ते पर चलकर एक समतामूलक समाज की स्थापना करनी चाहिए। उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि वे पढ़ाई को अपना धर्म समझें और जीवन में कुछ बड़ा करने की दिशा में लगातार मेहनत करें।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने भी बाबा साहेब पर आधारित भाषण और नारे प्रस्तुत किए, जिससे माहौल और भी प्रेरणादायी बन गया। अंत में रोहित सर द्वारा सभी बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को मिष्ठान वितरण किया गया, जिससे सभी के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई।
इस आयोजन ने न केवल बच्चों में बाबा साहब के प्रति श्रद्धा और सम्मान को जागृत किया, बल्कि उनके विचारों को आत्मसात करने की दिशा में एक ठोस कदम भी साबित हुआ। एकलव्य कोचिंग सेंटर द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम निश्चित रूप से समाज में सकारात्मक परिवर्तन की प्रेरणा बनकर उभरा है।
संवाददाता – हिंद लेखनी न्यूज़
स्थान – गोंडा
