कैसरगंज। पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने 2029 के लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व सांसद ने कहा कि वह कहां से चुनाव लड़ेंगे, इसका निर्णय वह खुद नहीं करेंगे, बल्कि जनता करेगी। उन्होंने कहा कि वह चुनाव का “पत्ता” अभी नहीं खोलेंगे। “जनता ही छह महीने पहले बता देगी कि हम कहां से लड़ेंगे और लड़ेंगे भी या नहीं,” उन्होंने कहा।
उन्होंने दावा किया कि संसद में न होने के बावजूद जनता से जुड़ाव आज भी उतना ही मजबूत है। उनके मुताबिक देश के करीब दस जिलों से लोग दिल्ली पहुंचकर समस्याएं बताते हैं और वह हर संभव मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में जनता उन्हें ही सांसद बनाना चाहती थी लेकिन परिस्थितियों के कारण पार्टी को अलग फैसला लेना पड़ा और उनकी जगह बेटे को टिकट दिया गया। आगे क्या होगा, यह जनता की नाराज़गी और किसी क्षेत्र में बढ़ते अत्याचार को देखकर तय किया जाएगा।
मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने बताया कि उन्होंने अपना फॉर्म भर दिया है। जनता से अपील के सवाल पर कहा— “जिसे वोट देना हो, वह फॉर्म भरे। जिसे नहीं देना हो, वह न भरे। यह हर नागरिक की अपनी समझ है।”
सिराथू की विधायक पल्लवी पटेल के फॉर्म न भरने पर तंज कसते हुए बोले— “वह तो राजा हैं। आजकल देश और प्रदेश में राजा बहुत पैदा हो रहे हैं।”
पतंजलि घी विवाद पर भी बृजभूषण शरण सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चार साल बाद किसी खाद्य उत्पाद की जांच रिपोर्ट आना बेहद गंभीर सवाल है। “जांच तो दो-चार घंटे में आनी चाहिए। यदि लाखों लोग चार साल तक मिलावटी घी खाते रहे तो जिम्मेदारी कौन लेगा? कितने लोग बीमार पड़े, इसका हिसाब कौन देगा?” उन्होंने कहा कि केवल पतंजलि ही नहीं, बल्कि देश के बड़े-बड़े ब्रांडों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
दुग्ध उत्पादों में मिलावट पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यदि दूध का सही दाम मिले और मिलावट पूरी तरह रुक जाए, तो गांवों से पलायन काफी हद तक रुक सकता है। उनके अनुसार सही कीमत मिलने पर किसान पशुपालन बढ़ाएंगे, गांव में रोजगार पैदा होगा और बेरोजगारी में भी कमी आएगी।
पूर्व सांसद के इन बयानों के बाद स्थानीय राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं और उनकी अगली राजनीतिक रणनीति को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
Author: HIND LEKHNI NEWS
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