कर्नलगंज, गोंडा – 5 जून 2025 (हिंद लेखनी न्यूज़)।
केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही जननी सुरक्षा योजना, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा प्रदान करना है, उसकी सच्चाई कर्नलगंज विकासखंड के पाल्हापुर जननी सुरक्षा केंद्र में सामने आए भ्रष्टाचार के मामले से उजागर हो गई है। यह घटना न केवल चिकित्सा व्यवस्था की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि गरीबों के नाम पर चल रही योजनाओं की पोल भी खोलती है।
मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायत के अनुसार, शुभम नामक व्यक्ति ने बताया कि 31 मई को उसने अपनी गर्भवती पत्नी गीता को प्रसव के लिए पाल्हापुर केंद्र में भर्ती कराया था। सफल प्रसव के बाद वहां की स्टाफ नर्स शशि किरण ने ₹10,000 की अवैध मांग की। जब शुभम ने रुपये देने से मना किया, तो नर्स के पति कमलेश ने दुर्व्यवहार करते हुए दबाव बनाकर ₹5,000 वसूल लिए। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सुनील सिंह के हस्तक्षेप के बाद भी सिर्फ ₹2,500 ही वापस हो सके।
इतना ही नहीं, प्रसव के दौरान जरूरी सभी दवाएं बाहर से मंगवानी पड़ीं, जिनका पूरा खर्च शुभम को उठाना पड़ा। यह घटना स्पष्ट करती है कि जननी सुरक्षा योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। जिन महिलाओं को मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिलनी चाहिए, उनसे खुलेआम धन की वसूली की जा रही है।
इस घटना के प्रकाश में आने के बाद पाल्हापुर और आसपास के ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी इस केंद्र पर अवैध वसूली, लापरवाही और दवाओं की कालाबाजारी के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने कभी कोई कड़ा कदम नहीं उठाया।
यह मामला फिलहाल करनैलगंज के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक के पास लंबित है और 17 जून 2025 इसकी अंतिम निस्तारण तिथि तय की गई है। ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि दोषी कर्मचारियों को तुरंत निलंबित किया जाए, पीड़ित को पूरी आर्थिक क्षतिपूर्ति दी जाए और केंद्र की कार्यप्रणाली की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
यह घटना सरकार की योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जनता का कहना है कि यदि अब भी सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो यह जन आक्रोश बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।
