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❝उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्यवाही — बिना मान्यता वाले स्कूलों पर चलेगा बुलडोज़र!❞
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिक्षा निदेशक (बेसिक) श्री प्रताप सिंह बघेल द्वारा राज्य के सभी मंडलों और जिलों को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में बिना मान्यता संचालित हो रहे प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों के विरुद्ध सघन जांच और कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत कोई भी विद्यालय बिना मान्यता के न तो स्थापित हो सकता है और न ही संचालित। जो विद्यालय इस प्रावधान का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उन पर ₹1 लाख तक जुर्माना और प्रत्येक दिन ₹10,000 अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा सकता है।
10 जुलाई तक सघन जांच का आदेश:
सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्र में 10 जुलाई 2025 तक व्यापक जांच करें और बिना मान्यता चल रहे विद्यालयों की पहचान कर नोटिस जारी करें, एफआईआर दर्ज कराएं और उन्हें तत्काल बंद कराएं।
15 जुलाई तक अनिवार्य रिपोर्टिंग:
हर जिले से यह प्रमाण-पत्र मांगा गया है कि उनके क्षेत्र में कोई भी विद्यालय बिना मान्यता संचालित नहीं हो रहा है। साथ ही, विद्यालयवार कार्यवाही रिपोर्ट भी अनिवार्य रूप से 15 जुलाई तक निदेशालय को भेजी जानी है।
यदि किसी ब्लॉक या जिले में 15 जुलाई के बाद भी बिना मान्यता का विद्यालय पाया जाता है, तो पूरी जिम्मेदारी संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और खण्ड शिक्षा अधिकारी की मानी जाएगी।
इस कार्रवाई से शिक्षा क्षेत्र में हो रही अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार सुरक्षित हो सके।
