गोंडा: भाजपा जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप का वीडियो वायरल, प्रदेश नेतृत्व ने मांगा 7 दिन में स्पष्टीकरण, संगठन में मचा घमासान।
गोंडा जनपद से भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप उर्फ बम बम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद संगठन में जबरदस्त हलचल मच गई है। वायरल वीडियो में उन्हें एक महिला के साथ दिखाया गया है, जिसके बाद पार्टी की छवि को लेकर गम्भीर सवाल खड़े हो गए हैं। पार्टी की प्रतिष्ठा और अनुशासन को लेकर उठे इस विवाद के बाद अब मामला सीधे प्रदेश नेतृत्व तक पहुंच गया है।
भाजपा प्रदेश कार्यालय ने जारी किया कारण बताओ नोटिस
25 मई 2025 को भारतीय जनता पार्टी, उत्तर प्रदेश के प्रदेश कार्यालय द्वारा जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। पत्र में स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया गया है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से पार्टी को गम्भीर क्षति हुई है और यह आचरण पार्टी की आचार संहिता और अनुशासन के प्रतिकूल है।
प्रदेश महामंत्री और मुख्यालय प्रभारी विधायक गोविन्द नारायण शुक्ला द्वारा जारी पत्र में लिखा गया है कि यह आचरण “अनुशासनहीनता की श्रेणी” में आता है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर अमर किशोर कश्यप से सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि समय से संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो पार्टी द्वारा कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिलिपि इन वरिष्ठ पदाधिकारियों को भेजी गई:
मा० प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा उ०प्र०।
मा० प्रदेश महामंत्री (संगठन), भाजपा उ०प्र०।
क्षेत्रीय प्रभारी एवं क्षेत्रीय अध्यक्ष, भाजपा अवध क्षेत्र।
वायरल वीडियो को लेकर संगठन में बढ़ी बेचैनी।
वीडियो सामने आने के बाद भाजपा के स्थानीय से लेकर प्रदेश स्तर तक के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में असहजता फैल गई है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को तत्काल लपक लिया और भाजपा की कथित “दोहरी नैतिकता” को लेकर हमलावर रुख अपना लिया है। वहीं संगठन के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से ले रही है और जल्द ही कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
मीडिया के सामने अमर किशोर कश्यप ने दी सफाई
मीडिया से बातचीत करते हुए अमर किशोर कश्यप ने वायरल वीडियो की पुष्टि करते हुए कहा, “हां, जो वीडियो वायरल हो रहा है वह मेरा ही है, लेकिन उसमें कोई अनुचित बात नहीं है। उस महिला ने फोन करके मदद की गुहार लगाई थी और मैंने केवल मानवीय आधार पर उसकी मदद की थी। मीडिया में जो बात फैलाई जा रही है वह पूरी तरह से भ्रामक है।”
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत छवि से जुड़ा नहीं है, बल्कि भाजपा जैसे अनुशासित दल के लिए यह संगठनात्मक संकट की तरह है। ऐसे में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उठाए गए कदम न केवल पार्टी अनुशासन की मिसाल होंगे, बल्कि यह अन्य पदाधिकारियों के लिए भी चेतावनी स्वरूप हो सकते हैं।
अमर किशोर कश्यप के वायरल वीडियो प्रकरण ने भाजपा की जिला इकाई को गहरे संकट में डाल दिया है। जहां एक ओर जिलाध्यक्ष खुद को निर्दोष बता रहे हैं, वहीं प्रदेश नेतृत्व के तेवर सख्त नजर आ रहे हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सात दिन के भीतर मिलने वाला स्पष्टीकरण पार्टी को संतोषजनक लगेगा या फिर भाजपा संगठन इस प्रकरण में कोई बड़ी कार्रवाई करेगा।
