
- सरकारी आदेश के बावजूद नहीं बंद हुए फर्जी विद्यालय
- बिना मान्यता चल रहा विद्यालय, बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
- अवैध स्कूल का पर्दाफाश, राजनीतिक संरक्षण में चल रहा है संचालन
कर्नलगंज, गोंडा। शिक्षा क्षेत्र के सरैया ग्राम पंचायत के तेलिन डीहा अघेरवा में विंध्यवासिनी सरस्वती शिशु मंदिर नाम से अवैध रूप से एक निजी विद्यालय संचालित किया जा रहा है। लगभग 40 बच्चों के भविष्य के साथ इस विद्यालय में खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है।
ग्रामीणों की शिकायत पर पहुंचे पत्रकारों की टीम ने खुलासा किया कि विद्यालय में न तो मानक अनुरूप शिक्षण कक्ष हैं, न बच्चों के लिए सुरक्षित खेल मैदान और न ही बैठने हेतु बेंच। कुछ कक्षाएं टीन शेड, छप्पर और फूस से बने गोल चैंबर में संचालित हो रही हैं। विद्यालय में केवल दो शिक्षक और एक शिक्षिका कार्यरत हैं, जिनके भरोसे नौनिहालों की शिक्षा टिकी हुई है।
ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय कुछ राजनीतिक संरक्षण में चल रहा है। यहां तक कि विद्यालय प्रबंधन ने बड़े नेताओं और शिक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारियों का नाम लेकर दावा किया कि उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी से कहकर कार्रवाई रुकवा दी है।
सवाल यह उठता है कि जब सरकार “सब पढ़ें, सब बढ़ें” के संकल्प के साथ शिक्षा व्यवस्था सुधारने में जुटी है, तब मान्यता विहीन विद्यालयों का संचालन आखिरकार प्रशासन की लापरवाही है या अधिकारियों की मिलीभगत?
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन और बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी पहले ही जिले के बिना मान्यता के विद्यालयों की सूची जारी कर उन्हें बंद कराने का निर्देश दे चुके हैं। लेकिन, तहसील प्रशासन, स्थानीय थाना पुलिस और खंड शिक्षा अधिकारी की टीम अब तक इन्हें बंद कराने में नाकाम साबित हुई है।
कर्नलगंज की खंड शिक्षा अधिकारी नूतन जायसवाल ने स्वीकार किया कि विद्यालय का संचालन अवैध है। उन्होंने बताया कि “मैं पहले भी जाकर स्कूल बंद करने की सख्त हिदायत दे चुकी हूं। यदि अब भी विद्यालय संचालित पाया गया तो कल स्वयं पुलिस बल के साथ जाकर इसे बंद कराऊंगी।”अब देखना यह होगा कि प्रशासन वास्तव में बच्चों के भविष्य के साथ हो रहे इस खिलवाड़ पर ठोस कार्रवाई करता है या यह मामला भी कागजों तक ही सीमित रह जाएगा।

Author: Hind Lekhni News
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