बहराइच, 05 जून: भारत सरकार की केन्द्रीय सेक्टर की प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (PMKSY) के तहत प्रदेश के किसानों की कृषि उपज को प्रसंस्कृत कर अधिक लाभ दिलाने के प्रयास तेजी से जारी हैं। यह योजना उत्तर प्रदेश में भी लागू है, जिसका उद्देश्य खेत से लेकर खुदरा बिक्री केंद्रों तक एक सक्षम आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना और आधुनिक अवसंरचना प्रदान करना है।
इस योजना से प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को तेजी से बढ़ावा मिल रहा है, जिससे किसानों की आय दोगुनी करने, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करने तथा कृषि उपज की बर्बादी को कम करने में मदद मिल रही है।
प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के अंतर्गत किसानों को आधुनिक भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं ताकि वे अपनी उपज का बेहतर प्रबंधन कर सकें और बाजार तक समय पर पहुंचा सकें। इस योजना में कोल्ड चेन, एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर और मेगा खाद्य पार्क जैसी आधुनिक सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जा रही है, जहां इण्डो-इजराइल तकनीक के माध्यम से कृषि उत्पादों का संग्रह, प्रसंस्करण और संरक्षण किया जाएगा। इससे खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
प्रदेश में इस योजना के अंतर्गत स्थापित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को भारत सरकार द्वारा 10 प्रतिशत, अधिकतम 50 लाख रुपये तक पूंजीगत निवेश अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में निजी क्षेत्र के निवेशकों को भी परियोजनाओं की स्थापना की स्वीकृति मिल रही है, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को आधुनिकतम संसाधन उपलब्ध होंगे।
इस योजना के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ प्रदेश के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है।
