कर्नलगंज तहसील में तैनात राजस्व निरीक्षक संजय शुक्ला को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने जमानत प्रदान कर दी है। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने शुक्रवार को तीसरी सुनवाई में यह आदेश पारित किया।
मामला 12 सितंबर का है, जब देवीपाटन मंडल की एंटी करप्शन टीम ने संजय शुक्ला को शाहपुर निवासी किसान रामकुमार से 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। किसान ने अपनी जमीन की पैमाइश हेतु धारा-24 के तहत वाद दायर किया था। न्यायालय के आदेश पर पैमाइश कर रिपोर्ट देने के बदले उन पर लगातार रिश्वत मांगने का आरोप लगा था।
गिरफ्तारी के बाद उन्हें गोरखपुर जेल भेजा गया था, जहां एंटी करप्शन कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने अधिवक्ता अनिल कुमार और अमरेश बहादुर तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की।
बचाव पक्ष ने अदालत में यह दलील दी कि गिरफ्तारी की प्रक्रिया नियमों के अनुरूप नहीं थी। दावा किया गया कि रिश्वत की रकम सीधे उनके हाथ में नहीं थी, बल्कि बिजली के बोर्ड पर रखी गई थी। साथ ही यह भी कहा कि गिरफ्तारी के बाद आरोपी को नजदीकी थाने ले जाने के नियम का पालन नहीं किया गया और उन्हें 32 किलोमीटर दूर देहात कोतवाली ले जाकर एसिड टेस्ट समेत अन्य औपचारिकताएं की गईं।
इन दलीलों को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने संजय शुक्ला को जमानत देने का आदेश दिया और उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश भी दिया।
Author: HIND LEKHNI NEWS
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