मनरेगा मजदूरी बकाया रखना बंधुआ प्रथा: एआईपीएफ

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सोनभद्र, 12 मार्च। होली और रमजान के दौरान भी मनरेगा मजदूरों की करोड़ों रुपये की बकाया मजदूरी को लेकर ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (AIPF) ने गहरी आपत्ति जताई है। संगठन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर बकाया मजदूरी के तत्काल भुगतान की मांग की है।

संविधान के खिलाफ मजदूरी रोकना: एआईपीएफ

एआईपीएफ के जिला संयोजक कृपाशंकर पनिका ने पत्र में लिखा कि मजदूरों से काम कराकर उनका भुगतान न करना संविधान के खिलाफ बंधुआ प्रथा और आपराधिक कृत्य है। नीति आयोग द्वारा सोनभद्र को देश के सबसे पिछड़े जिलों में रखा गया है, इसलिए यहां मनरेगा की मजदूरी बकाया न रखने का स्पष्ट निर्देश है।

बकाया मजदूरी से भुखमरी की नौबत

➡️ म्योरपुर ब्लॉक में ही 5 करोड़ रुपये से अधिक की मजदूरी बकाया है।
➡️ मजदूरों के परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं और त्योहार नहीं मना पा रहे
➡️ मनरेगा में केंद्र सरकार की नीतियों को बताया जिम्मेदार

मोदी सरकार पर गंभीर आरोप

एआईपीएफ के नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार मनरेगा को खत्म करने की कोशिश कर रही है
➡️ वर्ष 2025 के बजट में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई, पिछले वर्ष की तरह ही ₹86,000 करोड़ का आवंटन किया गया है।
➡️ मुद्रास्फीति और महंगाई को देखते हुए यह राशि बहुत कम है।

सरकार के खिलाफ आंदोलन की अपील

एआईपीएफ ने ग्राम प्रधानों, जनप्रतिनिधियों और मजदूरों से मोदी सरकार की महंगाई और बेरोजगारी बढ़ाने वाली नीतियों के खिलाफ खड़े होने की अपील की है। संगठन ने रोजगार अधिकार अभियान का हिस्सा बनने का आह्वान किया है।

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