पत्रकार एकता जिंदाबाद! हत्यारों को फांसी दो! के नारों से गूंजा तहसील परिसर।
गोंडा, कर्नलगंज: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में दैनिक जागरण समाचार पत्र के वरिष्ठ पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेई की दिनदहाड़े गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। इस जघन्य अपराध ने पूरे पत्रकार समाज को झकझोर कर रख दिया है। पत्रकारों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला करार देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
सोमवार को निर्धारित समय पर तहसील कर्नलगंज में पत्रकार एकजुट होकर पहुंचे और दिवंगत पत्रकार को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान आक्रोशित पत्रकारों ने “पत्रकार एकता जिंदाबाद”, “हत्यारों को फांसी दो” के गगनभेदी नारे लगाए और प्रदेश सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कड़े कानून बनाने की मांग की।
पत्रकारों ने सौंपा ज्ञापन, की हत्यारों को फांसी और परिवार को मुआवजे की मांग।
इस दुखद घटना के विरोध में द जर्नलिस्ट एसोसिएशन गोंडा के जिलाध्यक्ष महादेव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में पत्रकारों ने प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी कर्नलगंज भारत भार्गव को सौंपा। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से तीन प्रमुख मांगें रखी गईं:
1. दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।
2. पीड़ित परिवार को ₹1 करोड़ का मुआवजा दिया जाए।
3. परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
पत्रकारों ने कहा कि यदि प्रशासन ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो प्रदेशभर में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
पत्रकारों ने उठाई सख्त कानून बनाने की मांग।
पत्रकारों और सामाजिक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सख्त कानून बनाया जाए, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा कि राघवेन्द्र बाजपेई की हत्या सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि पूरी पत्रकारिता पर हमला है। इस तरह की घटनाएँ लोकतंत्र के लिए खतरा हैं और अगर जल्द ही उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो पत्रकार समाज सड़कों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगा।
पत्रकारों की एकजुटता से गूंजा तहसील परिसर।
पत्रकारों के इस विरोध प्रदर्शन में गोंडा जिले के कई वरिष्ठ पत्रकारों और सामाजिक संगठनों ने हिस्सा लिया। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार सुभाष सिंह, बैजनाथ अवस्थी, पवन देव सिंह, वीरेंद्र तिवारी, अभय सिंह, लखनलाल मिश्र, अनुराग मिश्र, अंकज मिश्र, प्रभात तिवारी, शिवकुमार पाण्डेय, मोहित मिश्र, अनिल शुक्ल, रविकान्त मिश्रा, आशीष कुमार चौरसिया और अंग्रेज गुप्ता सहित कई अन्य पत्रकार मौजूद रहे।
पत्रकारों की चेतावनी – अगर न्याय नहीं मिला तो होगा प्रदेशव्यापी आंदोलन
प्रदर्शन में शामिल पत्रकारों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द से जल्द दोषियों को फांसी की सजा नहीं दी गई और पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला तो प्रदेशभर में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
पत्रकारों ने मांग की है कि सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून बनाए ताकि भविष्य में किसी भी पत्रकार पर हमला करने वालों को कठोरतम दंड मिले और लोकतंत्र के इस स्तंभ की रक्षा हो सके।
पत्रकारिता के प्रति इस अत्याचार और असहिष्णुता के खिलाफ पूरे प्रदेश में आक्रोश है, और अगर जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह आंदोलन और भी बड़ा रूप ले सकता है।
अब निगाहें सरकार और प्रशासन पर – क्या मिलेगा न्याय?
अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस मांग पर क्या कदम उठाते हैं। क्या दिवंगत पत्रकार के परिवार को न्याय मिलेगा? क्या दोषियों को फांसी की सजा दी जाएगी? और क्या सरकार पत्रकार सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कानून बनाएगी?
यदि ऐसा नहीं हुआ तो पत्रकार समाज शांत नहीं बैठेगा और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की रक्षा के लिए बड़ा आंदोलन खड़ा करने से पीछे नहीं हटेगा।
