ऊर्जा क्षेत्र की समीक्षा बैठक: मुख्यमंत्री ने बिजली बिल समय पर जमा कराने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने पर दिया जोर।
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। इस बैठक में ऊर्जा विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्तुतीकरण का भी अवलोकन किया गया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि बिजली का बिल समय पर जमा कराने के लिए जन जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। जिस प्रकार लोग मोबाइल का बिल समय पर जमा करते हैं, उसी प्रकार बिजली का बिल भी समय पर जमा करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए विभाग को एक मजबूत मैकेनिज्म तैयार करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट मीटर लोगों की जीवन शैली को आसान बनाने में महत्वपूर्ण हैं और यह आज की आवश्यकता है। इसलिए जनता को इसके लिए तैयार करना चाहिए और स्मार्ट मीटर की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाना चाहिए। प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना को तेजी से लागू किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि बिजली का बिल सही समय पर और बिना किसी त्रुटि के प्रत्येक उपभोक्ता के घर तक पहुंचे। इसके लिए मीटर रीडर को जिम्मेदार बनाना बहुत जरूरी है। उपभोक्ताओं को वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) योजना के बारे में जागरूक किया जाए ताकि वे बकाया बिजली बिल जमा करने की सुविधा के बारे में अच्छी तरह जान सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिजली बिल के नाम पर किसी भी उपभोक्ता को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। पिछले पांच वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया गया है और अब क्वालिटी मेनटेनेंस पर पूरा जोर देना होगा। मेंटेनेंस के कारण अगर बिजली कटौती की जाती है तो इसकी पूर्व सूचना उपभोक्ताओं को प्रदान करना आवश्यक है। इसके लिए सोशल मीडिया का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि प्रदेश में विद्युत आपूर्ति के घंटों में वृद्धि हुई है। भीषण गर्मी और लोकल फॉल्ट को छोड़कर, प्रदेश सरकार ने 15 मार्च से लगातार 24 घंटे बिजली आपूर्ति में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश में कहीं भी बिजली की कमी नहीं हुई है। वर्तमान में प्रदेश में 3.45 करोड़ बिजली कनेक्शन हैं और पिछले दो वर्षों में 30 लाख कनेक्शन बढ़े हैं। वर्ष 2024 में अब तक 70 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है जो पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है। शहरी इलाकों में कंज्यूमर टर्नअप 92 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों में 51 प्रतिशत है।
बिजली बिल का 39 प्रतिशत हिस्सा ऑनलाइन, 32 प्रतिशत विभागीय काउंटरों से, 21 प्रतिशत ई-वॉलेट और 8 प्रतिशत सीएससी के माध्यम से प्राप्त हो रहा है। ऑनलाइन सेवाओं को मजबूत करते हुए लोड बढ़ाने से लेकर नाम और पता बदलने तक की सुविधा ऐप के माध्यम से प्रदान की जा रही है। साथ ही, बिजली का बिल जमा करने के लिए प्रतिमाह औसतन 7 एसएमएस भी भेजे जाते हैं। अक्टूबर 2023 और फरवरी 2024 में मेंटेनेंस माह मनाया गया, जिससे अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। अप्रैल, मई और जून में बिजली की औसत मांग में वृद्धि हुई है। गर्मी के मौसम में सामान्य दिनों में 27 से 28 हजार मेगावॉट की मांग होती है, जबकि भीषण गर्मी में पीक डिमांड 30,764 मेगावॉट तक पहुंच गई है। बरसात के बाद इसमें कमी आने की उम्मीद है।
प्रदेश में 5,255 मेगावॉट की 10 इकाइयों की स्थापना का कार्य तेज गति से चल रहा है। इसके अलावा, 5,120 मेगावाट की तीन बड़ी परियोजनाएं – ओबरा डी, अनपरा ई और मेजा द्वितीय पर भी काम जारी है। प्रदेश में बिजली के ट्रांसमिशन लॉस को कम करते हुए इसे 3 प्रतिशत पर लाने का कार्य हुआ है।
प्रदेश में नोएडा, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, कानपुर और लखनऊ में विभाग की कई बड़ी परियोजनाएं शुरू होने जा रही हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर परियोजना के प्रथम चरण में देश में 1 करोड़ जबकि प्रदेश में 25 लाख सोलर रूफ टॉप लगाए जाने हैं। अब तक 16 लाख 97 हजार रजिस्ट्रेशन का कार्य पूरा हो चुका है।
Author: PAWANDEV SINGH
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