चाय बेचने से IAS बनने तक… आपकी सोच बदल देगी ये कहानी
जुलाई 2024 में यूपीएससी प्रीलिम्स की परीक्षा होनी है. ऐसे में खुद को मोटिवेट रखने के लिए इस कठिन परीक्षा को निकाल चुके कैंडिडेट्स की स्टोरी पढ़नी चाहिए. चाय बेचने वाले हिमांशु गुप्ता की कहानी भी आज हर उस उम्मीदवार के लिए मोटिवेशन है जो कठिन परिस्थितियों में एग्जाम ड्रॉप करने का प्लान बना लेते हैं. UPSC Example of overcoming adversity: अगर मन में कुछ कर गुजरने की लगन हो तो आप किसी भी मुकाम तक पहुंच सकते हैं. अक्सर लोग कहते हैं कि जिसके पास कोचिंग में खर्च करने के लिए अच्छे-खासे पैसे हैं वही, आईएएस बन पाते हैं. गरीबी से जूझ रहे या कम पैसों में चल रहे घर के बेटे के लिए यह करना मुश्किल है. असल में ऐसा नहीं है और यह साबित किया है मजदूर के बेटे हिमांशु गुप्ता ने, जो खुद एक चायवाले थे लेकिन आज एक आईएएस ऑफिसर है. हिमांशु गुप्ता की कहानी हर उस उम्मीदवार को प्रेरित करती है जो परेशानियों और कठनाइयों के बीच पढ़ाई छोड़ने का सोचते हैं. प्रेरणादायक है हिमांशु की कहानी
प्रेरणादायक है हिमांशु की कहानी
हिमांशु गुप्ता ने बचपन बेहद गरीबी में काटा, स्कूल जाने के लिए रोजाना 70 किमी का सफर किया. इतना ही नहीं पिता का हाथ बंटाने के लिए चाय की दुकान पर काम भी किया. उत्तराखंड के हिमांशु गुप्ता (UPSC Himanshu Gupta) ने अपनी कड़ी मेहनत से यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Common Assistance Test) पास की और आईएएस अफसर बने. ऑफिशियल ह्यूमन ऑफ बॉम्बे पर छपी ये स्टोरी हर कैंडिडेट को प्रोतसाहित करती है. UPSC क्लियर कर IAS बनने वाले हिमांशु गुप्ता के पैरेंट्स स्कूल ड्रॉपआउट हैं. पिता दिहाड़ी मजदूरी करते थे. कमाने के लिए वो चाय का ठेला भी लगाते थे लेकिन उन्होंने कभी भी अपने बेटे की पढ़ाई के कॉम्प्रोमाइज नहीं किया.
Author: PAWANDEV SINGH
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