जरवल ब्लॉक में पोषण आहार की घोर अनदेखी, बच्चों के अधिकारों पर संकट।
बहराइच जनपद के जरवल ब्लॉक में सरकारी पोषण आहार योजनाओं की हालत दयनीय है। बाल विकास और पुष्ट आहार विभाग की योजनाओं के संचालन के लिए ब्लॉक मुख्यालय पर जिम्मेदार अधिकारियों को बैठाया तो गया है, पर वे अपनी जिम्मेदारियों से काफी दूर नजर आते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इन योजनाओं के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों पर नौनिहालों और उनकी माताओं को पोषण सामग्री जैसे रिफाइंड तेल, चने की दाल, गेहूं की दरिया आदि उपलब्ध कराई जानी चाहिए। परंतु, जरवल ब्लॉक के कई गाँवों में इन सामग्रियों का वितरण नहीं हो रहा है।
कई ग्राम पंचायतों के स्थानीय लोगों ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण सामग्री न के बराबर दी जा रही है। स्थिति इतनी गंभीर है कि बहुत से गाँवों में बच्चों को पोषण की सामग्री का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में संवाददाताओं ने कई ग्रामवासियों से बातचीत की, लेकिन लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर अपनी समस्याएं बताईं। उनका कहना है कि यदि वे शिकायत करते हैं, तो गाँव के कुछ दबंग व्यक्ति, जो स्वयं सहायता समूह या आंगनवाड़ी केंद्रों से जुड़े हैं, उन पर झूठे मुकदमे दायर करने की धमकी देते हैं। इस डर से अधिकांश लोग खुलकर शिकायत नहीं कर पाते।
संवाददाता द्वारा जिला पोषण अधिकारी (डीपीओ) से बात करने पर उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे दीपावली के बाद जांच करेंगे। दीपावली बीते हुए एक सप्ताह से अधिक हो चुका है, लेकिन अब तक डीपीओ साहब ने कोई कार्रवाई नहीं की है। ना ही सीडीपीओ ने कोई ठोस कदम उठाया है।
जरवल ब्लॉक के आंगनवाड़ी केंद्रों की यह लापरवाही न केवल सरकार की योजनाओं की विफलता को उजागर करती है, बल्कि क्षेत्र के नौनिहालों के स्वास्थ्य और भविष्य के साथ भी खिलवाड़ है। ऐसे में सवाल उठता है कि कब इन बच्चों को उनका हक मिलेगा?
Author: Pawandev Singh
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