महिला डॉक्टर पर राधामोहन दुबे सहित अज्ञात लोगों का हमला, न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज
गोंडा – जिले में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए दुर्व्यवहार और जमीन विवाद के मामले में न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने राधामोहन दुबे सहित 4-5 अज्ञात लोगों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। महिला डॉक्टर, जो एक निजी अस्पताल में कार्यरत हैं, ने पुलिस में शिकायत की थी कि उनके खरीदे गए प्लॉट पर दीवार निर्माण के दौरान कुछ लोगों ने जबरन निर्माण कार्य रोकने का प्रयास किया और उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया।
जमीन विवाद बना घटना का कारण:
सूत्रों के अनुसार, महिला डॉक्टर ने गोंडा-लखनऊ मार्ग पर कोंचा कासिमपुर के पास एक प्लॉट खरीदा था। 7 अक्टूबर को वह अपने प्लॉट पर दीवार का निर्माण करवा रही थीं, तभी राधामोहन दुबे और उनके 4-5 सहयोगी वहाँ पहुँचे और दीवार को गिराने लगे। जब डॉक्टर ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो आरोप है कि उन्होंने महिला के साथ अभद्रता की और निर्माण कार्य कर रहे श्रमिकों को भी भगा दिया।
पुलिस से लेकर न्यायालय तक पहुंचा मामला:
महिला डॉक्टर ने सबसे पहले इस मामले में स्थानीय कोतवाली में तहरीर दी, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र भेजा, फिर भी सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद महिला ने अपने चोटों का डॉक्टरी परीक्षण करवाकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने अब राधामोहन दुबे और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 191(2), 115(2), 352, 351(3), 324(4), और 74 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल:
यह घटना महिला सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े करती है। एक डॉक्टर, जो समाज की सेवा में लगी हुई हैं, के साथ इस प्रकार की घटना और उस पर पुलिस की निष्क्रियता ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोगों का कहना है कि यदि एक पेशेवर महिला के साथ ऐसा व्यवहार किया जा सकता है और उसकी शिकायत पर पुलिस द्वारा कार्रवाई में देरी की जाती है, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या हाल होगा।
पुलिस का बयान:
प्रभारी निरीक्षक कर्नलगंज ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जाँच शुरू कर दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और महिला डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
महिला डॉक्टर का संघर्ष और न्याय की उम्मीद:
महिला डॉक्टर ने न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि उन्होंने जमीन अपने मेहनत की कमाई से खरीदी थी और वे किसी भी तरह का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं करेंगी। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि प्रशासन दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न हों।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता:
यह घटना समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर जागरूकता की आवश्यकता को दर्शाती है। महिला डॉक्टर के संघर्ष और उनके द्वारा उठाए गए कदमों ने अन्य महिलाओं को भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और सतर्क रहने का संदेश दिया है।
Author: Pawandev Singh
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