ऑटोमेटिक गेट लॉक होने से व्यवसायी दंपती की दर्दनाक मौत।
कानपुर – दीवाली की खुशियों की रात अचानक मातम में बदल गई जब शहर के जाने-माने बिस्किट व्यापारी संजय श्याम दासानी और उनकी पत्नी कनिका की उनके घर में आग लगने से मौत हो गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब उनके घर के मंदिर में जलते दीपक से आग फैल गई। इस हादसे में उनकी नौकरानी की भी दम घुटने से मौत हो गई। आग लगने के समय ऑटोमेटिक गेट लॉक हो जाने से तीनों लोग बाहर नहीं निकल सके, जिससे उनकी जान चली गई। इस घटना ने कानपुर शहर को झकझोर कर रख दिया है।
दीपक से लगी आग बनी जानलेवा, गेट लॉक ने बढ़ाई मुसीबत:
जानकारी के अनुसार, घटना देर रात की है जब दासानी परिवार दीवाली का त्यौहार मनाकर अपने घर में आराम कर रहा था। घर के मंदिर में दीयों की सजावट की गई थी, जो कि दीवाली के अवसर पर पूरे घर में रोशनी और उत्साह फैला रही थी। अचानक मंदिर में जल रहे दीपक से आग भड़क उठी और धीरे-धीरे उसने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। घर में धुआँ भर गया, जिससे दम घुटने के कारण संजय दासानी, उनकी पत्नी कनिका और नौकरानी की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के दौरान गेट का ऑटोमेटिक लॉक सिस्टम एक्टिवेट हो गया, जिससे दरवाजे लॉक हो गए और कोई भी बाहर नहीं निकल पाया। यह लॉक सिस्टम उनकी सुरक्षा के लिए था, लेकिन इस समय वही उनके लिए जानलेवा साबित हुआ। आग की सूचना मिलने के बाद भी वे गेट को खोल नहीं सके, और दम घुटने के कारण सभी की जान चली गई।
दमकल की गाड़ियों को बुलाने में हुई देरी:
हादसे की जानकारी मिलने के बाद आसपास के लोगों ने दमकल विभाग को सूचना दी, लेकिन आग इतनी तेजी से फैल गई थी कि दमकल कर्मियों के पहुँचने से पहले ही घर में मौजूद तीनों लोगों की जान जा चुकी थी। आग बुझाने के दौरान दमकल कर्मियों ने काफी मशक्कत की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मौके पर पहुँचे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घर का ऑटोमेटिक गेट लॉक हो जाने के कारण स्थिति और गंभीर हो गई थी।
स्थानीय निवासियों में शोक और भय का माहौल:
इस हादसे ने इलाके के लोगों को हिला कर रख दिया है। घटना के बाद स्थानीय निवासियों में शोक और भय का माहौल है। संजय श्याम दासानी का नाम कानपुर के बड़े व्यवसायियों में शुमार था और उनकी लोकप्रियता के कारण शहर में उन्हें काफी सम्मान प्राप्त था। उनकी असामयिक मौत से समाज में शोक की लहर दौड़ गई है। इस दर्दनाक घटना ने लोगों को सुरक्षा व्यवस्था के नए पहलुओं पर सोचने को मजबूर कर दिया है।
प्रशासन का रुख और आग लगने के कारणों की जाँच:
पुलिस और दमकल विभाग ने इस हादसे की जाँच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जाँच में यह स्पष्ट हुआ है कि आग दीपक से फैली थी, लेकिन अधिकारियों ने अन्य संभावित कारणों की भी जाँच शुरू कर दी है। पुलिस ने यह भी बताया कि ऑटोमेटिक गेट लॉक की वजह से परिवार बाहर नहीं निकल सका और यही उनकी मौत का कारण बना। प्रशासन ने सुरक्षा नियमों का पालन करने और इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए सावधान रहने की अपील की है।
परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल:
इस हादसे के बाद से संजय दासानी और कनिका के परिवार में मातम का माहौल है। परिजन और रिश्तेदार उनके घर पहुँचे और इस दर्दनाक घटना ने सभी को गहरे शोक में डाल दिया है। सभी ने इस घटना को एक बड़ी त्रासदी करार दिया और प्रशासन से आग्रह किया कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त उपाय किए जाएँ।
सुरक्षा उपायों पर नई सोच की आवश्यकता:
यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि हमें आधुनिक तकनीक के उपयोग के साथ-साथ सुरक्षा के अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देना चाहिए। ऑटोमेटिक गेट लॉक जैसी सुरक्षा सुविधाएँ जहाँ हमारी सुरक्षा के लिए लाभदायक होती हैं, वहीं इमरजेंसी के समय में ये जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था में ऐसे उपाय करने चाहिए, जिससे किसी भी आपात स्थिति में लॉक सिस्टम को मैन्युअली खोला जा सके।
आगे की कार्रवाई:
प्रशासन ने इस घटना के बाद सुरक्षा और अग्निशमन विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे दीवाली के मौके पर सभी घरों और प्रतिष्ठानों में आग से सुरक्षा के उपायों का पालन सुनिश्चित करें।
Author: Pawandev Singh
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