👉स्कूल बंद होने का समय 4 बजे, पर 1:17 बजे ही हो गया बंद
👉बच्चों को नहीं मिलता फल, दूध और गुणवत्तापूर्ण भोजन
👉अध्यापक की गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी
👉ग्राम प्रधान और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की चुप्पी।
बहराइच: उत्तर प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा पर बार-बार सवाल उठ रहे हैं, और ऐसा ही एक ताजा मामला बहराइच जनपद के जरवल ब्लॉक के ग्राम रसूलपुर निजामी स्थित प्राथमिक विद्यालय से सामने आया है। दिनांक 28 अक्टूबर 2024 को ग्रामीणों की शिकायत पर जब पत्रकार विद्यालय पहुंचे , तो स्कूल की हालत बेहद निराशाजनक और शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त दिखाई दी।
स्कूल समय से पहले बंद, बच्चों को नहीं मिल रही सुविधाएं।
दोपहर 1:17 बजे, जब स्कूल को खुला होना चाहिए था, तब हमारे संवाददाता ने पाया कि स्कूल बंद था। यह समय छात्रों के पढ़ाई का होता है, परंतु विद्यालय में ताला लगा हुआ था। मौके पर मिले कुछ बच्चों से संवाददाता ने बातचीत की, जिनका कहना था कि उन्हें फल और दूध जैसी बुनियादी चीजें भी नहीं मिलतीं, जो सरकार द्वारा उन्हें दिए जाने का प्रावधान है।
गैर-जिम्मेदाराना रवैया, बच्चों के साथ खिलवाड़।
जब संवाददाता ने प्रधानाध्यापक श्री गौतम से संपर्क करने की कोशिश की, तो उनका उत्तर और भी चौंकाने वाला था। उन्होंने टेलीफोनिक बातचीत में कहा कि, “जो सरकार दे रही है वही हम खिला रहे हैं, मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है।” इस बयान ने प्रशासन और शिक्षा विभाग में फैली लापरवाही की पोल खोल दी है। एक शिक्षक, जिन पर बच्चों की जिम्मेदारी है, का ऐसा रवैया बेहद निराशाजनक है और यह सोचने पर मजबूर करता है कि इन नौनिहालों के भविष्य का क्या होगा।
ग्राम प्रधान की खामोशी और शिक्षा विभाग की उदासीनता।
जब संवाददाता ने ग्राम प्रधान श्री असलम कुरैशी से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। यह खामोशी भी इस बात की ओर इशारा करती है कि ग्राम प्रधान और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से विद्यालय में फैली इस अव्यवस्था को नजरअंदाज किया जा रहा है।
बुनियादी सुविधाओं का अभाव और बच्चों की उपेक्षा।
ग्राम सभा के निवासियों ने, नाम न छापने की शर्त पर, संवाददाता को बताया कि स्कूल में बच्चों को ना तो समय पर भोजन मिलता है, ना ही वजीफा दिया जाता है। इतना ही नहीं, उन्हें किताबें और अन्य बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिलतीं। यह सुनकर मन में प्रश्न उठता है कि मासूम बच्चों को कब अपने अधिकार मिलेंगे और क्या वास्तव में शिक्षा विभाग की कोई जिम्मेदारी है या नहीं।
सरकार की नीतियों का हो रहा उल्लंघन।
उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया श्री योगी आदित्यनाथ जी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तमाम योजनाएं लागू कर रहे हैं, ताकि हर बच्चे तक शिक्षा का लाभ पहुंचे। लेकिन, यह घटना बताती है कि सरकार की योजनाओं को स्कूल स्तर पर सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है। उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसी घटनाओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है और शिकायतें ठंडे बस्ते में डाल दी जाती हैं।
मासूम बच्चों के भविष्य पर संकट।
इस मामले ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि मासूम बच्चों के अधिकारों की रक्षा कब होगी? एक ओर जहां देश शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर इन बच्चों के साथ इस तरह का खिलवाड़ बेहद चिंताजनक है। इस प्राथमिक विद्यालय में बच्चों की जो हालत है, उससे प्रतीत होता है कि प्रशासन, शिक्षक और ग्राम प्रधान की मिलीभगत से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
बहराइच से कन्हैया लाल गौतम की खास रिपोर्ट।
Author: PAWANDEV SINGH
आप सभी हिन्द लेखनी न्यूज़ पाठकों को करवाचौथ हनुमान जयंती दीपावली और भैय्या दूज की हार्दिक शुभकामनाएं । 🌹💐🥀🌺🪷🌷 कृपया अपने आस पास की खबरों को प्रकाशित करवाने के लिए सम्पर्क करें। 👉👉 9455727212