कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र, सियाचीन में साहसिक बलिदान के लिए सम्मानित।
सियाचीन ग्लेशियर के एक बंकर में 19 जुलाई 2023 को अचानक आग लग गई। इस भयानक स्थिति में कैप्टन डॉ. अंशुमान सिंह ने अदम्य साहस का परिचय दिया। अपनी जान की परवाह किए बिना, वे जलते हुए बंकर में घुस गए और वहां फंसे कई जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस साहसिक प्रयास के दौरान उन्होंने अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखते हुए कई जवानों की जान बचाई, लेकिन खुद को नहीं बचा सके और वहीं फंस गए।
उनके इस सर्वोच्च बलिदान के लिए मरणोपरांत उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया, जिसे आज उनकी पत्नी स्मृति अंशुमन को प्रदान किया गया। यह सम्मान उस अद्वितीय साहस और सेवा भावना का प्रतीक है, जिसे कैप्टन अंशुमान सिंह ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों में प्रदर्शित किया।
कैप्टन अंशुमान सिंह पूर्वांचल के देवरिया जिले के निवासी थे और उनकी शादी को मात्र पांच महीने ही हुए थे। इस दुखद घटना ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे देश को शोक में डाल दिया है। उनके अद्वितीय साहस और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा, और वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। उनकी पत्नी स्मृति अंशुमन ने गर्व के साथ यह सम्मान स्वीकार किया, जो उनके पति के असाधारण कर्तव्य और देशभक्ति का प्रमाण है।
Author: PAWANDEV SINGH
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