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नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, शिकायतकर्ता को ही थमा दिया नोटिस

नगर पालिका द्वारा शिकायत कर्ता को देने वाली नोटिस
नगर पालिका द्वारा शिकायत कर्ता को देने वाली नोटिस
नगर पालिका द्वारा शिकायत कर्ता को देने वाली नोटिस

कर्नलगंज, गोंडा।

मोहल्ला गाड़ी बाजार पश्चिमी में नजूल भूमि पर अवैध कब्जे और रास्ता बाधित करने के मामले में नगर पालिका परिषद कर्नलगंज की कार्यवाही सवालों के घेरे में है। इस मामले में शिकायतकर्ता खुशबू बानो, जो कि  साकिर अली की पुत्री हैं, ने जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी और कोतवाली कर्नलगंज में लिखित शिकायत दी थी कि कुछ लोग अवैध रूप से सरकारी जमीन पर कब्जा कर उनके घर का रास्ता अवरुद्ध कर रहे हैं। शिकायत के बाद तहसील प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए मौके पर जांच कर निर्माण कार्य रुकवा दिया।

हालांकि, हैरान करने वाली बात यह है कि नगर पालिका परिषद कर्नलगंज ने कार्रवाई के नाम पर शिकायतकर्ता के ही पिता शाकिर अली को नोटिस थमा दिया।

 

नगर पालिका का नोटिस

नगर पालिका परिषद द्वारा जारी नोटिस में श्री साकिर पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने गाजी बाजार पश्चिमी में सार्वजनिक रास्ते पर अवैध रूप से भवन निर्माण किया है, जिससे नागरिकों को आवागमन में परेशानी हो रही है। नोटिस में उन्हें तीन दिन के भीतर निर्माण कार्य बंद करने, मानचित्र स्वीकृत कराने और भूमि के मालिकाना हक के दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि इसका पालन नहीं किया गया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 

प्रशासन ने रुकवाया काम, तहसीलदार ने लिया संज्ञान

शिकायत पर तहसीलदार मनीष कुमार ने संज्ञान लेते हुए नायब तहसीलदार अल्पिका वर्मा और हल्का लेखपाल को मौके पर भेजा। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य को तत्काल रुकवा दिया और जांच शुरू की।

 

शिकायतकर्ता ने उठाए सवाल

शिकायतकर्ता खुशबू बानो ने नगर पालिका की कार्यवाही पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि वह खुद नजूल भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत लेकर प्रशासन के पास गई थीं, लेकिन नगर पालिका ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उनके ही परिवार को नोटिस जारी कर दिया।

 

स्थानीय लोगों में रोष

इस घटनाक्रम से स्थानीय लोगों में नाराजगी है। उनका कहना है कि प्रशासन को दोषियों के खिलाफ निष्पक्षता के साथ कार्रवाई करनी चाहिए। शिकायतकर्ता के परिवार को नोटिस जारी करना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि यह अवैध कब्जाधारियों को संरक्षण देने जैसा है।

 

प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

इस मामले ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां तहसील प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए अवैध निर्माण रुकवाया, वहीं नगर पालिका परिषद की तरफ से शिकायतकर्ता को नोटिस थमाया जाना चौंकाने वाला है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए क्याकार्रवाई करता है।

 

Pawandev Singh
Author: Pawandev Singh

पत्रकार बनना आसान है लेकिन खबर लिखने पर उतने ही दुश्मन होंगे जितनी खबर, मेरा अनुभव 9455747212

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