श्रावस्ती में गौशाला में 5 गायों की हुई मौत, प्रशासन में हड़कंप
श्रावस्ती जिले के गिलौला क्षेत्र के काशीपुर मूसा स्थित गौशाला में हाल ही में पांच गायों की मौत से हड़कंप मच गया है। इस घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारियों और पशु स्वास्थ्य विभाग की टीमें तुरंत सक्रिय हो गई हैं। इस दुखद घटना में न केवल पांच गायों की मौत हुई है, बल्कि दो दर्जन से अधिक गायें गंभीर रूप से बीमार पाई गई हैं, जिनका उपचार किया जा रहा है।
संक्रमण के कारणों की जांच जारी
गौशाला में हुई इस त्रासदी के बाद प्रशासनिक स्तर पर सभी संभावित कारणों की गहन जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई गई है कि गायों को संक्रमित हरा चारा खिलाया गया हो सकता है, जिससे उनकी स्थिति बिगड़ी। जांच दल ने बताया कि संक्रमित चारा बीमारी का मुख्य कारण हो सकता है, हालांकि इसके सभी संभावित कारणों की बारीकी से जांच की जा रही है। इस संबंध में पशु चारे का सैंपल जांच के लिए बरेली भेजा गया है, जहां विशेषज्ञों की टीम इसे विस्तार से परीक्षण करेगी।
डीएम और विशेषज्ञों की टीम पहुंची मौके पर
घटना की सूचना मिलते ही श्रावस्ती जिले के जिलाधिकारी (DM) अपने दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। डीएम ने तुरंत विशेषज्ञों की एक टीम को बुलवाया, जिसने गौशाला का निरीक्षण किया और बीमार गायों का इलाज शुरू कराया। डीएम ने घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
प्रधान प्रतिनिधि और ग्राम सचिव पर कार्रवाई
गौशाला की देखरेख में लापरवाही बरतने और गायों की मौत के बाद बिना सूचना के शवों को दफनाने के आरोप में ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि बबलू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में लापरवाही बरतने के कारण ग्राम सचिव को भी तत्काल निलंबित कर दिया गया है। प्रशासन ने साफ किया है कि ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गौशाला में बीमारी का प्रभाव और राहत प्रयास
गौशाला में अब भी दो दर्जन से अधिक गौवंश गंभीर रूप से बीमार हैं और उनकी देखभाल में विशेषज्ञ जुटे हुए हैं। प्रशासन ने गौशाला में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया है ताकि बीमार गायों का सही समय पर इलाज हो सके। पशु चिकित्सकों की टीम दिन-रात मेहनत कर रही है ताकि बीमारी के फैलने से रोका जा सके और गायों को जल्द से जल्द ठीक किया जा सके।
स्थानीय प्रशासन की चुनौतियां
यह घटना श्रावस्ती के स्थानीय प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है, जहां गौ संरक्षण के प्रयासों को लेकर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर से गौशालाओं में सही तरीके से चारे और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। प्रशासन द्वारा इस घटना के बाद सख्त कदम उठाए जा रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
इस घटना ने श्रावस्ती जिले में पशु संरक्षण और देखभाल की स्थिति को लेकर बड़ी बहस छेड़ दी है, और सरकार पर भी दबाव बढ़ गया है कि वह गौशालाओं में बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करे।
Author: PAWANDEV SINGH
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